पिता चार बार विधायक, पत्नी जिपं अध्यक्ष
केदार डावर के पिता चिड़ाभाई डावर (धूलकोट) वर्तमान में भगवानपुरा विधासभा से चार बार विधायक रह चुके हैं। वह कांग्रेस के टिकट पर ही चुनाव जीते थे। 2003 में चुनाव में पिता के निधन के बाद केदार डावर को पार्टी ने टिकट दिया। लेकिन वह चुनाव हार गए। इसके बाद 2008 में भी कांग्रेस ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया। जहां डावर को हार का सामना करना पड़ा था। पत्नी कमला डावर जिपं अध्यक्ष और भाई विजय डावर सेगांव जनपद अध्यक्ष है।
केदार डावर के पिता चिड़ाभाई डावर (धूलकोट) वर्तमान में भगवानपुरा विधासभा से चार बार विधायक रह चुके हैं। वह कांग्रेस के टिकट पर ही चुनाव जीते थे। 2003 में चुनाव में पिता के निधन के बाद केदार डावर को पार्टी ने टिकट दिया। लेकिन वह चुनाव हार गए। इसके बाद 2008 में भी कांग्रेस ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया। जहां डावर को हार का सामना करना पड़ा था। पत्नी कमला डावर जिपं अध्यक्ष और भाई विजय डावर सेगांव जनपद अध्यक्ष है।
सरकार जाने के बाद, क्षेत्र में नहीं हो रहे थे काम
2018 के विधानसभा चुनाव में खरगोन जिले की छह में पांच सीटों पर कांग्रेस और एक निर्दलीय भगवानपुरा सीट से केदार डावर (कांग्रेस समर्थित) ने जीत दर्ज की। लेकिन बीच में कमलनाथ सरकार गिरने के बाद विधानसभा में वहीं सरकारी दफ्तरों में भी पूछपरख कम होने से विवश होकर डावर ने कांग्रेस विचाराधार को त्याग कर भाजपा सरकार का दामन पकड़ लिया।
2018 के विधानसभा चुनाव में खरगोन जिले की छह में पांच सीटों पर कांग्रेस और एक निर्दलीय भगवानपुरा सीट से केदार डावर (कांग्रेस समर्थित) ने जीत दर्ज की। लेकिन बीच में कमलनाथ सरकार गिरने के बाद विधानसभा में वहीं सरकारी दफ्तरों में भी पूछपरख कम होने से विवश होकर डावर ने कांग्रेस विचाराधार को त्याग कर भाजपा सरकार का दामन पकड़ लिया।