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यहां सीवरेज व जलाधर्वन के काम से संतुष्ट नहीं है अफसर, निर्माण पर चलाई गैती, देखी गुणवत्ता

locationखरगोनPublished: Aug 01, 2019 12:27:03 pm

Submitted by:

Gopal Joshi

-वेबाकॉस्ट एजेंसी दिल्ली के दो सदस्यीय दल ने शहर में सीवरेज व जलावर्धन के काम का लिया फीडबैक -सुबह 10 बजे से शुरू हुआ निरीक्षण, शाम तक चला, शहर के विभिन्न क्षेत्रों सहित वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट भी देखा

Inquiry on suspicion

डायवर्शन रोड पर चैंबर की गुणवत्ता देखते अफसर।

खरगोन.
शहर में चल रहे जलावर्धन व सीवरेज की गुणवत्ता जांचने के लिए बुधवार को सेंट्रल गवर्नमेंट की वेबकॉस्ट एजेंसी से दो सदस्यीय दल बिना सूचना दिए औचक निरीक्षण के लिए शहर पहुंचा। इनमें सिवरेज एक्सपर्ट मदनलाल व वाटर सप्लाय एक्सपर्ट बीएल रंगा सहित एजेंसी के अन्य अफसर-कर्मचारी मौजूद थे। अफसरों ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर चैंबर निर्माण व जलावर्धन के तहत बिछाई गई पाइप लाइन का फीडबैक किया।
सुबह करीब १०.३० बजे सबसे पहले अफसर डायवर्शन रोड पर पहुंचे। यहां बने चैंबरों की गुणवत्ता जांचने के लिए अफसरों ने मजदूरों से गैती चलवाई। प्लास्टर व निर्माण में उपयोग किए गए रॉ मटेरियल को जांचा। बावड़ी बस स्टैंड पर बने एक चैंबर का फोटो मोबाइल से खींचा और जो खामियां मिली उसे दुरुस्त करने के निर्देश काम करने वाली एजेंसी के ठेकेदारों को दिए। सीवरेज एक्सपर्ट मदनलाल ने कहा- चैंबर की गुणवत्ता ठीक है, लेकिन तकनीकी तौर पर कुछ खामियां। ठेकेदार को बताया गया कि नीचे से निकली नाली में यह चैंबर बाधा न बने इसके लिए ट्रायल जरूर करेें। यदि कोई तकनीकी परेशानी आ रही है तो उसे अभी दुरुस्त करेंं। काम पूरा होने के बाद सुधार की गुजाइंश कम रहेगी। शहरवासियों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए।
अचानक आया दल तो निर्माण एजेंसी में मचा हड़कंप
जलावर्धन के एक्सपर्ट बीएल रंगा ने कहा- हमारा यह औचक निरीक्षण था। इसकी सूचना पहले से किसी को नहीं दी जाती। बिना बताए मौके पर जाकर निरीक्षण होता है। इससे गुणवत्ता किस तरह की है इसका सही ढंग से पता चलता है। अफसर शहर में चलने वाले कार्यों से संतुष्ट दिखे।
बारिश बनी बाधा, कई जगह काम बंद
मौसम खराब होने से कई स्थानों पर काम बंद था। इसकी वजह से निरीक्षण में निर्माण करते मौके पर कोई नहीं मिला। अफसरों ने इसका अफसोस भी जताया। अफसरों ने बताया चालू काम में सारी बातें स्पष्ट हो जाती हैं। अब काम बंद है। ऐसे में जो निर्माण हो गया है उसी की जांच हो पाएगी।
कीचड़ भरे रास्तों से पहुंचे वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट
डायवर्शन रोड, बावड़ी बस स्टैंड का जायजा लेने के बाद अफसर दोपहर करीब १२ बजे कपास मंडी के आगे बने वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को देखने पहुंचे। यहां तक पहुंच मार्ग कीचड़ से भरा था, लेकिन जांच के लिए अफसर उसी रास्ते पर वाहन दौड़ाते हुए मौके पर पहुंचे।
प्लास्टर और रॉ-मटेरियल का मिलान नक्शे पर दर्ज मटेरियल से किया
वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट पर पहुंचे अफसरों ने सबसे पहले यहां निर्माण में उपयोग की गई सामग्री की जानकारी ली। कॉलम में कितने एमएम का सरिया लग रहा है इसका मिलान दस्तावेजों में दर्ज आंकड़ों से किया। कॉलम की नप्ती स्केल से की और उसका मिलान नक्शे पर दर्शाई गोलाई और मोटाई से भी किया।
नपा अफसरों दल से कहा- कंपनियां ठीक से काम नहीं कर रही
शहर में निर्माण कार्यों का जायजा लेने के बाद दिल्ली से आए अफसर नगरपालिका पहुंचे। यहां सीएमओ निशिकांत शुक्ला व अफसरों से मुलाकात की। सीएमओ ने अफसरों को बताया कि यहां काम करने वाली जेएमसी व पीसी स्नेहल कंपनियां ठीक से काम नहीं कर रही। इसकी वजह से शहरवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अफसरों ने सीएमओ की शिकायत को भी दर्ज किया और पीआईयू के अफसरों से इस संबंध में चर्चा करने की बात कही।
दोनों योजना की फैक्ट फाइल
-276 किमी पेयजल पाइप लाइन बिछेगी शहरी क्षेत्र में
-13 किमी मेन और 25 किमी रहवासी क्षेत्र में बिछ चुकी है पेयजल लाइन
-113 करोड़ की है जलावर्धन योजना
-65 करोड़ की लागत से शहरी क्षेत्र में बिछेगी सीवर लाइन
-149 किमी सीवर लाइन का शहरी क्षेत्र में बिछेगा जाल
-85 किमी क्षेत्र में बिछ चुकी है सीवर लाइन
-2020 तक पूर्ण होना है दोनों योजनाओं का काम
बेहतर है काम
-सीवरेज व जलावर्धन के निर्माण कार्यों का औचक निरीक्षण किया है। यह पूरी तरह गोपनीय है। काम बेहतर है। छोटी-मोटी खामियां है वरिष्ठों को रिपोटिँग करेंगे। हम घर बनाते हैं तो उसमें भी कुछ खामियां निकलती है। जो परेशानी है उसे दुरुस्त कराएंगे। -बीएल रंगा, जलावर्धन एक्सपर्ट, वेबकॉस्ट एजेंसी, दिल्ली
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