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मिर्ची के भाव औंधे मुंह, बिगाड़ा किसानों का टेस्ट

locationखरगोनPublished: Sep 08, 2021 07:42:37 pm

Submitted by:

Gopal Joshi

-13 से 15 रुपए किलो बिक रही है हरी मिर्ची, बीते साल 30 रुपए किलो से अधिक थे भाव

Inverted prices of chilli, spoiled the test of farmers

खरगोन. इन दिनों हरी मिर्ची की तुड़ाई तेजी से हो रही है।

खरगोन.
निमाड़ की मिर्ची ने शुरुआती दौर में किसानों के बजट का जायका बिगाड़ दिया है। भाव औंधे मुंह गिरते जा रहे हैं। बीते वर्ष हरी मिर्ची सीजन के शुरुआत में 30 रुपए किलो से ऊपर बिकी थी जबकि इस बार दाम 13 से 15 रुपए किलो मिल रहे हैं। किसानों ने कहा- यहीं आलम रहा तो मिर्ची पर होने वाले खर्च भी नहीं निकल पाएंगे।
जिले में मिर्ची का रकबा इस बार ७५ हजार हेक्टेयर के आसपास है। अनुकूल मौसम होने से इस बार वाइरस अटैक भी नहीं है। फसलें अच्छी है लेकिन भाव अपेक्षाकृत नहीं मिल रहे हैं। मिर्ची के किसान बरसलाय के प्रवीण पालखरी, राहुल धनगर, बामखल के प्रवीण यादव, राजू यादव, घुघरियाखेड़ी के दीपक यादव, आनंदराम यादव, राकेश यादव, जितेंद्र यादव, अशोक यादव, आदि ने बताया मिर्ची की तुड़ाई पांच से छह रुपए किलो है। इसके अलावा हर दूसरे दिन प्रति एकड़ एक हजार से १५०० रुपए की खाद-दवाई का छिड़काव भी किया है। इस लिहाज से यदि १५ या २० रुपए किलो दाम मिले तो खर्च भी नहीं निकलेगा। सोमवार को भी मिर्ची के दाम १३ से १५ रुपए किलो रहे। किसानों ने कहा- कपास की फसल पहले ही खराब हो चुक है। अब उम्मीद केवल मिर्ची से है। लेकिन भाव कम है। इससे किसानों में निराशा है।
पहली बार शुरू हुई मंडी, वहां भी यहीं भाव
निमाड़ की मिर्ची को स्थापित करने के लिए मंडी प्रबंधन ने इस बार हरी मिर्ची की मंडी भी लगाई है। बलवाड़ी में इसकी शुरुआज की है। लेकिन यहां भी दाम इसी रेंज में मिल रहे हैं। किसानों ने कहा- वहां उपज ले जाना तो और भी भारी पड़ेगा। जब २० रुपए किलो तक दाम खेत में ही मिल रहे हैं तो फिर किराए का वाहन लेकर मंडी तक जाना घाटे का सौंदा होगा।
मजबूूरी : पौधे पर अच्छी बहार, तुड़ाई जरूरी
किसानों ने बताया पौधे पर मिर्ची अच्छी लग रही है। यदि हरी मिर्ची का भार नहीं उतारा तो दोबारा लगने में देरी होगी। इस कारण किसान भाव को न देखते हुए इसे तुड़वा रहा है। हरी मिर्ची कम से कम दो से तीन बार निकलेगी। इसके बाद किसान लाल मिर्ची का इंतजार करेंगे।

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