14 सदस्यों का भरा-पुरा परिवार, ड्यूटी के लिए सबसे बनाई दूरी
जिला अस्पताल में पदस्थ ईएनटी एक्सपर्ट डॉ. आलोक गुप्ता ने बताया वह जिला अस्पताल में संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेकर इंदौर भेजने का काम कर रहे हैं। इस काम में सबसे ज्यादा जोखिम है। कोरोना का संक्रमण उनके जरिए परिवार तक न पहुंचे इसके लिए डॉ. गुप्ता ने परिवार से दूरी बना ली। उनका 14 सदस्ीय परिवार श्रीनाथ कॉलोनी में रहता है। सनावद रोड पर उन्होंने किराए का कमरा लिया है। परिवार सदस्य रोजाना टिफिन भेज रहे हैं। डॉ. गुप्ता ने बताया वे ३० मार्च से अलग कमरे में रहते हैं। उनका एक बेटा, एक बेटी है जो रोजाना शाम को घर आने का पूछते हैं। डॉ. गुप्ता ने बताया जब तक हालात नियंत्रित नहीं होते तब तक खुद का शेड्यूल ऐसा ही रखेंगे।
रोजाना बच्चों को घर छोड़कर शहर में देती है ड्यूटी
कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए शहर में लॉक डाउन है। इसका पालन कराने के लिए पुलिस सुरक्षा बंदोबस्त में डंटी है। कोतवाली पर पदस्थ महिला एसआई कविता निलेश डामोर ने बताया इसमें उनकी भी ड्यूटी लगी है। कविता के दो छोटे बच्चे हैं। सुबह ड्यूटी पर आने से पहले वह उन्हें घर पर छोड़कर आती हैं। फिर ड्यूटी खत्म होने के बाद जब लौटती है तो सबसे पहले खुद को सेनेटाइज करती है। दो घंटे बच्चों से दूर रहती हैं। कविता के पति भी होम गार्ड में पदस्थ है। उनकी ड्यूटी इंदौर में लगी है।
रोजाना परिवार से वीडियो कॉल पर होती है बात
कुक्षी की रहने वाली महिला एसआई मंजुबाला बघेल की ड्यूटी भी लॉक डाउन के दौरान शहर में लगाई गई है। वे यहां डीआरपी लाइन में रहती हैं। मंजुबाला ने बताया परिवार कुक्षी में है। हालातों को देखते हुए परिवार ज्यादा चिंतित है। दिन में चार बार वीडियो कॉलिंग से बात करते हैं। हर समय परिवार के सदस्य खुद का ध्यान रखने की सलाह दे रहे हैं।