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ऑक्सीजन की कमी होगी दूर, नहीं जाएगी किसी की मरीज की जान

locationखरगोनPublished: Jun 16, 2021 08:32:26 pm

जिले का पहला और जनसहयोग से बने ऑक्सीजन प्लांट का आज होगा उद्घाटन

Khargone District first and public cooperation oxygen plant

गुरुवार को ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन होगा

खरगोन.
जिले के कसरावद क्षेत्र में ऑक्सीजन की कमी से अब किसी की जान नहीं जाएगी। क्योंकि कोरोना काल में शिक्षकों द्वारा जनसहयोग से चलाई गई मुहिम ऑक्सीजन का जिले के पहले और बगैर शासन के सहयोग से बने ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन गुरुवार को सांसद और विधायक सहित दानदाताओं की उपस्थिति में होने जा रहा है। वही मंगलवार को जिले के दौरे पर आए संभागीय आयुक्त पवन शर्मा ने नाराजगी जाहिर की थी। ऑक्सीजन की कमी के कारण दर्जनों लोगों ने अपनी जान गवांई थी। जिसे देखते हुए शासकीय शिक्षकों ने ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए विकास खंड के आम जनता से सहयोग की अपेक्षा की ओर लोगों ने इसके लिए बढ़-चढ़कर राशि दान दी और नतीजा सामने है। बता दें कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान जिले में ऑक्सीजन की भारी कमी सामने आई थी। ऑक्सीजन के अभाव में दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी। एसडीएम संघप्रिय और विधायक सचिन यादव के प्रयासों से कसरावद में ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण खरगोन जिले में सबसे पहले पूरा हुआ।
कमिश्नर ने निरीक्षण करते हुए जताई नाराजगी

कमिश्नर पवन शर्मा ने मंगलवार ऑक्सीजन प्लांट का अवलोकन किया। ओर जनसहयोग से लगे इस ऑक्सीजन प्लांट के स्थल चयन पर जिम्मेदारों को फटकार लगी । ऑक्सीजन प्लांट को खुले में लगाया जाना, खुले में पैनल लाइन का होना घातक हो सकता है । हालांकि एसडीएम संघप्रिय ने जिला प्रशासन को विश्वास में लेने और कोरोना महामारी के मद्देनजर बने हालातों को देखकर क्षेत्रीय विधायक एजनप्रतिनिधियों और दानदाताओं की मंशा को ध्यान में रखकर निर्णय लिया। लेकिन सामुदायिक भवन स्थल का चयन कमिश्नर को रास नहीं आया । सोचने वाली बात यह भी है कि आनन-फानन में लिए निर्णय में नेशनल ग्रीन ट्यूबनल के नियमों का कितना पालन हुआ। ऑक्सीजन प्लांट की जरूरत के लिए क्या स्टाफ को ट्रेनिंग दी गई है। साथ ही खुले में रखे इस ऑक्सीजन प्लांट की सुरक्षा के मद्देनजर क्या कदम उठाए है । वही खुद कमिश्नर ने इस ऑक्सीजन प्लांट की उपयोगिता बिना एमडी डॉक्टर के नहीं होना बता दिया।
जल्द हो एमडी डॉक्टर की नियुक्ति

सामुदायिक स्वास्थ्य अस्पताल डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहा है। जिसे लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों ओर आम जनता ने शासन-प्रशासन से मांग की लेकिन अभी तक डॉक्टरों की कमी खल रही। आएदिन मरीजों का या तो जिला अस्पताल रेफर किया जाता है या फिर इंदौर। समाजसेवी चेतन चौहान ने कहा कि हमारे यहां क्षेत्रीय विधायक के प्रयासों से स्वास्थ्य सुविधाओं में तो वृद्धि हुई हैं मगर डॉक्टर स्टाफ की कमी दूर नहीं हो पा रही। ऐसे में सरकार को चाहिए कि कसरावद बड़ा सेंटर होने से यहां एमडी डॉक्टर की नियुक्ति अनिवार्य रूप से की जाए।

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