इस तरह सुधारेंगे लिंगानुपात
ब्लॉक स्तर पर एसडीएम और बीएमओ के निरीक्षण दल बनेंगे।
गांव-गांव भ्रमण करेंगे। लोगों को समझाइश देंगे।
सोनोग्रॉफी केंद्रों को प्रशिक्षण देंगे।
बेटी बचाओ जागरूकता के लिए कार्यशालाएं होगी।
लिंगानुपात कम हो रहा है उसके प्रति जागरूक करेंगे।
सफल बेटियों को सम्मानित करेंगे।
एक-दो बेटियों पर परिवार नियोजन अपनाया है उनका सम्मान करेंगे।
ब्लॉक स्तर पर एसडीएम और बीएमओ के निरीक्षण दल बनेंगे।
गांव-गांव भ्रमण करेंगे। लोगों को समझाइश देंगे।
सोनोग्रॉफी केंद्रों को प्रशिक्षण देंगे।
बेटी बचाओ जागरूकता के लिए कार्यशालाएं होगी।
लिंगानुपात कम हो रहा है उसके प्रति जागरूक करेंगे।
सफल बेटियों को सम्मानित करेंगे।
एक-दो बेटियों पर परिवार नियोजन अपनाया है उनका सम्मान करेंगे।
जनगणना 2011 के अनुसार ऐसी है जिले में महिला-पुरुष की स्थिति
क्षेत्र कुल आबादी पुरुष महिला
सिटी-आउट ग्रोथ 116150 59752 56398
शहर की जनसंख्या 106454 54678 51776
साक्षर 75915 41688 34227
बच्चे (0.6) 13801 7220 6581
औसत साक्षरता 81.93प्रतिशत 87.84 प्रतिशत 75.73 प्रति.
लिंगानुपात 947
बाल लिंगानुपात 911
क्षेत्र कुल आबादी पुरुष महिला
सिटी-आउट ग्रोथ 116150 59752 56398
शहर की जनसंख्या 106454 54678 51776
साक्षर 75915 41688 34227
बच्चे (0.6) 13801 7220 6581
औसत साक्षरता 81.93प्रतिशत 87.84 प्रतिशत 75.73 प्रति.
लिंगानुपात 947
बाल लिंगानुपात 911
शत प्रतिशत होना चाहिए लिंगानुपात
-वैसे तो लिंगानुपात शत प्रतिशत होना चाहिए। लेकिन 40-50 तक का अंतर सामान्य श्रेणी में आता है। अभी जिले में एक हजार लड़कों पर ९११ बेटियां ही जन्म ले रही हैं। यह रेड जोन है। इसे सुधारेंगे। -चंद्रजीतसिंह सांवले, नोडल अधिकारी, पीसी एंड पीएनडीटी
-वैसे तो लिंगानुपात शत प्रतिशत होना चाहिए। लेकिन 40-50 तक का अंतर सामान्य श्रेणी में आता है। अभी जिले में एक हजार लड़कों पर ९११ बेटियां ही जन्म ले रही हैं। यह रेड जोन है। इसे सुधारेंगे। -चंद्रजीतसिंह सांवले, नोडल अधिकारी, पीसी एंड पीएनडीटी