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मासूम के प्राइवेट पार्ट का दो बार ऑपरेशन, नासूर बनी बीमारी

locationखरगोनPublished: Jan 09, 2018 02:51:37 pm

-जिस बीमारी का जिले में सर्जन ही नहीं उसका कर दिया अधूरा इलाज, मरीज-परिजन सब परेशान -परिजनों ने रुपए ऐंठने के आरोप लगाए

private hospital private part innocent operation

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खरगोन.
शहर के एक निजी अस्पताल में मासूम के प्राइवेट पार्ट का दो बार ऑपरेशन करने के बाद बीमारी तो ठीक नहीं हुई, उल्टे यह रोग अब उसके लिए नासूर बन गया है। बच्चे के परिजनों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही और बीमारी दूर के बहाने उनसे रुपए ऐंठे गए। मामला सोमवार को सामने आया। शहर के बावड़ी बस स्टैंड पर मां मेमोरियल हॉस्पिटल में उस समय हंगामेदार स्थिति बनी जब चाचरिया के विक्की पिता परसराम (५) को परिजन पेशाब में परेशानी (हाइपोस्पिडिया ) के चलते लेकर आए थे। गौरतलब है कि हाइपोस्पिडिया एक ऐसी बीमारी है जिसका सर्जन जिले में नहीं है। खास बात यह है कि इस बीमारी का इलाज राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत इंदौर में नि:शुल्क होता है। बावजूद इसके निजी अस्पताल में परिजनों ने रुपए लेने के बाद दो बार मासूम का ऑपरेशन कर दिया गया।
दो बार में ५० हजार रुपए खर्च
सोमवार को विक्की को लेकर आए परिवार सदस्यों व ग्रामीणों ने बताया विक्की को पेशाब करने में परेशानी हो रही थी। मां मेमोरियल अस्पताल में उसे महीनेभर दो बार लेकर आए। यहां दोनों बार डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन कर दिया और 25-25 हजार रुपए ले लिए। ऑपरेशन के बाद भी विक्की के स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ। सोमवार को दर्द इतना बढ़ा कि उसे आनन-फानन में फिर अस्पताल लेकर परिजन पहुंचे। परिवार वालों का आरोप है कि अबकि बार अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के नाम पर एक लाख रुपए की मांग की है।
अन्य अस्पताल में दिखाया तो पता चला बीमारी का सर्जन जिले में नहीं
विक्की की बिगड़ती हालत को देखते हुए परिजन उसे शहर के अन्य निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां प्रारंभिक जांच के बाद विक्की को इंदौर रैफर किया गया है। उधर सरकारी अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार इस बीमारी का सर्जन जिले में नहीं है। कोई अन्य डॉक्टर भी इस बीमारी का ऑपरेशन नहीं कर सकता। पीडि़त परिवार के साथ गांव के अन्य लोग भी आए थे। काबरी के राहुल ने बताया परिवार मामले की शिकायत कलेक्टर से करने की बात कह रहा है।
जाने क्या है हाइपोस्पिडिया
यह लड़कों में एक जन्म दोष है। हाइपोस्पिडिया के लड़कों में मूत्रमार्ग गर्भावस्था के 8-14 सप्ताह के दौरान असामान्य रूप से प्रकट होता है।
यह हो सकती है समस्याएं
हाइपोस्पाडिया के साथ लड़कों को घुमावदार ***** मिल सकता है। वे मूत्र के असामान्य छिड़काव के साथ समस्याएं हो सकती हैं और पेशाब के लिए बैठना पड़ सकता है। यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह जीवन में बाद में समस्याओं को जन्म दे सकता है।
इस कारण होता है रोग
अधिकांश शिशुओं में हाइपोस्पिडिया के कारण अज्ञात हैं अधिकांश मामलों में, हाइपोस्पिडिया को जीन और अन्य कारकों के संयोजन के कारण माना जाता है।
ऐसे करें निदान
शिशु के जन्म के बाद इसका शारीरिक परीक्षण के दौरान आमतौर पर निदान किया जाता है। ऐसे मामलों में दोष को ठीक करने के लिए सर्जरी होती है।

आरोप निराधार…
जिला अस्पताल में इलाज नहीं होता, हम तो सर्जरी कर सकते हैं। बच्चे की बीमारी के बारे में परिजनों को पहले ही बता दिया था। रुपए मांगने के आरोप निराधार है।
टीएच मलिक, सर्जन , मां मेमोरियल हॉस्पिटल।
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