नर्मदा पट्टी से लगे गांवों में तेंदुए का मूवमेंट लगातार बढ़ रहा है। फरवरी से अब तक जहां किसानों के मवेशी तेंदुए के हमले में अपनी जान गंवा चुके हैं। इससे ग्रामीणों में भय व्याप्त है। वन विभाग पर ग्रामीण लगातार तेंदुए को दबोचने का दबाव डाल रहे हैं। लेकिन तेंदुए के मूंवमेंट वाले गांवों में केवल विभाग पिंजरे लगाए जाने से आगे नहीं बढ़ पा रहा। तेंदुए को जाल में फंंसाने के लिए पिंजरे में बकरा या कुत्ता भी रखा गया। 24 सितंबर की दोपहर तेंदुआ डालखेड़ा में एक बकरे को शिकार बनना चाहता था लेकिन मवेशी चराने वालों की सूझबूझ से कामयाब नहीं हो पाया। वही तेंदुए की चतुराई देख वन विभाग के होश उड़ गए है कि आखिर इसे पकड़ा कैसे जाए।उधर ग्रामीणों में खोफ हैऔर बेखौफ तेंदुआ जंगल में टहल रहा है।
सर्चिंग जारी है…
सूचना पर हम सायता गए थे जंहा रात के अंधेरे का फायदा उठाकर तेंदुआ किसान की गाय के तीन साल के बछड़े को उठाकर ले गया था । मृत बछड़े का पोस्टमार्टम कराया है। किसान को मुआवजा दिलाया जाएगा। सर्चिंग जारी है जल्द ही तेंदुए को पकड़ लिया जाएगा।
मदनलाल पाल, डिप्टी रेंजर कसरावद