एनिमल सोसाइटी वेलफेयर के टोनी शर्मा ने बताया कि जब मादा तेंदुए के साथ उसके शावक हो तब वह खतरनाक हो जाती है। अपने बच्चों पर खतरा जान इंसानों पर हमला करती है। पिछले दिनों कुछ ग्रामीणों को झाडिय़ों के पीछे से गुर्राने की आवाजें आई थी। इस मौसम में पर्यटकों का आनाजाना भी जगंल क्षेत्र में बढ़ जाता है। इससे किसी दुर्घटना होने की संभवनाएं बनी रहती है। किसी बड़ी घटना के घटित होने से पहले ही वन विभाग को चाहिए कि इस क्षेत्र में घूमना फिरना वर्जित किया जाना चाहिए। वन विभाग की गणना के अनुसार 4 वर्ष पूर्व 36 तेंदुए की गणना इस क्षेत्र में की गई थी। इन 4 वर्षों में कई मादा तेंदुआ और शावक भी दिखाई दे चुके हैं। जिससे इनकी संख्या में भारी इजाफा हो सकता है ।
जितना सुंदर जंगल, उतना खतरनाक
सुंदर वन क्षेत्र होने के कारण फोटोग्राफी और प्राकृतिक की गोद में घूमने का आनंद लेने वाले अक्सर इस वनांचल से आकर्षित होकर वन क्षेत्र में जाया करते हैं । यह वन क्षेत्र जितना सुंदर है उतना खतरनाक भी है, वैसे तो कभी जंगली जानवर हमला नहीं करते पर कुछ विशेष कारणों से यह इंसानों पर हमला भी कर देते हैं। इससे न केवल राहगीरों को सावधान रहने की जरूरत है बल्कि फोटो के शौकीन लोग जो बिना जानकारी जंगल में फोटो खिंचने चले जाते है उन्हें भी सावधान रहना होगा ।
धार्मिक स्थल व अन्य मार्गों पर सूचना बोर्ड लगा कर सूचना लगाई जाए
वन विभाग को भी चाहिए कि सड़क किनारे उचित तार फेंसिंग कर वन क्षेत्र को और इंसानों को अलग सुरक्षित किया जाए और क्षेत्र के धार्मिक स्थल व अन्य मार्गों पर सूचना बोर्ड लगा कर सूचना लगाई जाए की इस क्षेत्र में कितने जंगली जानवर है और किस क्षेत्र में जाना वर्जित है।