मनहर ने बताया यह वीडियो उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर २३ मई को रीलिज किया, जो २४ मई की रात ८ बजे तक पांच लाख लोगों तक वाइरल हो गया। इसे देखने वाले भारत में ही नहीं विदेशों में भी है।
देखों आंखे भरी है आंसू-आंसू, कर दो क्षमा इस बार….।
सांसे मुश्किल वीष की हवाएं जीना हुआ दुश्वार, देखों आंखें भरी हैं…
नदियां सारी मैली-मैली हमने किए हैं गुनाह, कांटे हरियल पेड़ घनेरे जो देते थे छांव
जाने किसने श्राप दिया है वो ही खड़ा है द्वार, देखो आंखें भरी है
इसको रोए, उसको रोए, कैसे है कोई रोय, मां से पुत भगिनी से भाई दूर खड़े सब कोय
मरना है एक दिन तो सभी को ऐसे तो मत मार, देखो आंखें भरी है…
गलियां सुनी, सुने आंगन, सूने हैं बाजार, पाव बंधे हैं हिल नहीं पाते इतने है लाचार
डूब रही है नाव कन्हैया तू ही खेवनहार रे, देखो आंखे भरी है
बरसाना कॉलोनी निवासी नीरज जोशी बताते हैं गीत का एक-एक बोल झकझोर देने वाला है। हर एक पंक्ति हमें अपराध बोध कराती है। वह अपराध जो हमने प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर किए हैं और आज उसके परिणाम भी भुगत रहे हैं। अपराधी चंद लोग हो सकते हैं लेकिन इसका असर पूरे मानव जगत पर हुआ है।