दरअसल शहर स्थित गौरीधाम कॉलोनी के रिटायर्ड शिक्षक रामसिंह (परिवर्तित नाम) के बैंक खाते से कई महीनों से रुपए निकाले जा रहे थे। लेकिन यह राशि किसके द्वारा और कहां ट्रांसफर की जा रही थी इसकी जानकारी उन्हे नहीं थी। बैंक से खाते का स्टेटमेंट निकाला तो पता चला कि करीब 64 हजार खाते से पेटीएम एकाउंट में ट्रासंफर हुए है। पेटीएम एकाउंट किसका हैं यह जानकारी नहीं थी। इस संबंध में रामसिंह ने एक शिकायती आवेदन सायबर सेल खरगोन को दिया। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और एसपी शैलेंद्रसिंह चौहान ने सायबर सेल को निर्देश दिए कि रूपए किसने निकाले हंै इसका पता लगाएं।
भांजा ही निकला दोषी
आवेदन की जांच करने एवं तकनिकी सहायता से पता चला रामसिंह के खाते से उन्हीं के भांजे सुरेश (परिवर्तित नाम) के पेटीएम अकांउट में रुपए गए हैं। जहां से रुपए एम पोकेट के जरिए निकाले गए।
लॉकडाउन में मामा के घर आया था भांजा
पुलिस की छानबीन में यह पता चला कि रिटायर्ड शिक्षक का भांजा लॉकडाउन के समय उनके यहां रूका था। घर खर्च आदि के लिए रुपए निकालने के लिए रामसिंह ने भांजे सुरेश को एटीएम कार्ड दिया। सुरेश ने एटीएम का पासवर्ड, सीसीव्ही याद कर रखा था। इसकी सहायता से उसने अपना पेटीएम अकांउट बना लिया और अपने मामा रामसिंह के एटीएम कार्ड का उपयोग करते हुए अपने पेटीएम में विगत 6 महिनों से रुपए डालता व निकालता रहा।
मामा ने दिखाई उदारता, कार्रवाई से किया मना
जब सायबर सेल ने सुरेश को पकड़कर सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने सब कुछ कबूल किया। सुरेश से 64 हजार रुपए पुन: मामा रामसिंह को दिलवाएं। रामसिंह ने भी भांजा समझकर सुरेश पर किस भी प्रकार की कार्रवाई करने से मना कर दिया।