जिनके दिल फूलों जैसे थे, सब पत्थर बन गए आयोजन के तहत मंगलवार रात को कवि सम्मेलन हुआ। जिसे श्रोताओं ने देर तक सुना एवं कवियों की रचनाओं पर खूब दाद दी। कवि सम्मेलन का संचालन नरेंद्र अटल द्वारा किया गया । कवि सुनील सोमैया ने काव्य रचना पत्थर-पत्थर के चक्कर में, हम सब पत्थर बन बैठे । प्रेम परस्पर भूल गए, हम बस घनचक्कर बन बैठे। जिनके दिल फूलों जैसे थे, सारे पत्थर बन बैठे । जहर उगलने वाले जब से स्वार्थ की शक्कर बन बैठे दी सुनाई। डॉ. प्रेरणा ठाकरे नीमच ने धर्म संस्कृति संस्कारों के वातायन की ओर चलें , राम तुम्हारी पकड़ अंगुली, रामायण की ओर चले से माहौल को जयश्री राम के जय घोष से गुंजायमान कर दिया ।
गौतम-गांधी के देश में तुझे सत्य अंहिसा की तस्वीर देंगे शाजापुर के दिनेश हम गौतम गांधी के देश के तुझे सत्य अहिंसा की तस्वीर देंगे । तू मांगेगा तो गंगा का नीर देंगे । तो हाथ बढ़ा अपना हम पूरा शरीर देंगे।हमने दिया है दुनिया को सम्मान एक बार फिर देंगे । मगर कश्मीर की बात मत करना टांग पर टांग धर के चिर देंगे। राम भदावर ने बलिदानियों की इस महागाथा में तुम बलिदान का एक और पन्ना जोड़ दो। या तो समर्पित जन्म कर दो देश को या, देश की बातें ही करना छोड़ दो प्रस्तुति पर देश भक्ति का जयकारा लगाया । नरेंद्र अटल ने वीर रस की प्रस्तुति पर दाद बटोरी। न्यायप्रिय भूपति भारत की महिष्मति के राज की। आज वंदना भारत करता देवी अहिल्या माई की।