अवैध रेत परिवहन करते पुलिस ने पकड़े दस ट्रैक्टर
कृषि उपज बेचने की आड़ में अवैध परिवहन, पुलिस को चकमा देने के लिए तिरपाल ढककर ला रहे थे रेत, वन क्षेत्र में चल रही अवैध गतिविधियां

खरगोन/ बिस्टान.
जिले में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन जोरों पर चल रहा है। माफियाओं के निशाने पर पहाड़ी नदियों के साथ वन क्षेत्र की जमीनें भी है, जहां मशीनों से बेखौफ अवैध उत्खनन किया जा रहा है। यह रेत ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में लादकर खरगोन में बेची जा रही है। इस मामले का भंडाफोड़ शनिवार को बिस्टान पुलिस ने किया। पुलिस ने काली रेत से भरे 10 ट्रैक्टर-ट्रॉली पकड़े हैं। जिनमें रेत भरी हुई थी और यह सभी ट्रैक्टर सिरवेल और पीपलझोपा वनक्षेत्र से रेत भरकर आ रहे थे। बिस्टान के नवागत थाना प्रभारी व डीएसपी सौरभ तोमर ने बताया कि अलसुबह बन्हेर तिराहे पर वाहन चेकिंग करते हुए ट्रैक्टरों को रोका गया। कागजात मांगने पर सभी चालक बंगले झांकने लगे। इसके बाद ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को थाने लाकर खड़ा किया गया है। इनमें दो ट्रैक्टरों पर नंबर थे, जबकि शेष आठ बिना नंबर के चल रहे थे। पुलिस की इस कार्रवाई की सूचना से रेत माफियाओं में हड़कंप मच गया।
शक न हो इसलिए ट्रॉली पर बांध रखी थी तिरपाल
क्षेत्र में लंबे समय से अवैध रेत निकालकर परिवहन की जा रही थी। लेकिन इसकी भनक खनिज अथवा पुलिस को नहीं थी। रेत भरने के बाद ट्रॉलियों पर तिरपाल बांध दी गई थी, ताकि किसी को शक न हो कि ट्रॉलियों में क्या भरा है। दूर से देखने पर ऐसा लगे कि यह ट्रैक्टर किसानों के है, जो उपज बेचने के लिए खरगोन मंडी जा रहे थे। लेकिन कृषि उपज की आड़ में अवैध रेत का परिवहन कई महीनों से चल रहा था।
नेताओं का लगा जमावड़ा, थाने के बाहर रोका
अवैध रेत उत्खनन और परिवहन में कई नेताओं का हाथ रहा है। यही कारण है कि जब पुलिस ने एक साथ कई ट्रैक्टरों को धरदबोचा, तो पैरवी करने के लिए जनप्रतिनिधि और नेता भी पहुंच गए। इनकी भीड़ लग गई थी और यह पुलिस पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी और थाने गेट बंद कर सभी को बाहर रोक दिया।
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