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जिले में साढ़े चार लाख से अधिक बच्चे, शिशु रोग डॉक्टर महज 12

locationखरगोनPublished: May 23, 2021 11:28:43 am

Submitted by:

harinath dwivedi

कई ब्लॉकों में डॉक्टर नहीं होने पर बढ़ी परेशानी, जिला अस्पताल में भी पुख्ता इंतजाम नहीं

Doctor made life-threatening by simple assault

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खरगोन. कोरोना की पहली व दूसरी लहर ने कई परिवारों को बर्बाद कर दिया। महामारी ने किसी के पिता छिना तो किसी के पति व किसी के भाई को। कई परिवार ऐसे भी हैं जहां मुखिया की ही दुनिया से बिदाई हो गई। अब कोरोना की तीसरी लहर से मासूमों को खतरा है। जिला प्रशासन इसकी पुख्ता तैयारियों का दावा तो कर रहा है लेकिन जमीनी हकीकत बेहद कमजोर है। जिले में बच्चों की संख्या करीब साढ़े चार लाख है लेकिन इनकी नब्ज टटोलने वाले शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर महज 12 है। जिला मुख्यालय पर 8 पदस्थ हैं। इसमें चार की ड्यूटी एसएनसीयू में है। कई ब्लॉक खाली हैं। ऐसे में यदि तीसरी लहर अपना प्रकोप दिखाती है तो बड़ी मुश्किल फिर सामने होगी। पहली और दूसरी लहर में युवाओं व बुजुर्गों की जान सांसत में रही। प्रशासन के सुरक्षा दावे काफी हद तक फेल हुए हैं। सीएमएचओ डॉक्टर डीएस चौहान ने बताया जिले में सरकारी स्तर पर कुल 12 शिशु रोग विशेषज्ञ हैं। जबकि बच्चों की संख्या जिले में साढ़े चार लाख से अधिक है। उधर, बच्चों को समय पर उपचार मिले इसके लिए एसएनसीयू, आईसीयू का खाका अभी कागजों पर ही खींचा जा रहा है। इन्हें जमीनी स्तर पर उतारने की कवायद चल रही है। समय पर यदि यह काम नहीं होते हैं तो फिर मासूमों को बढ़ा खतरा होने के आसार भी बन रहे हैं।
वर्ष 2020 में कोरोना की पहली लहर आई। इसमें कोविड आईसीयू का प्लान कागजों पर ही तैयार होता रहा। समय बीतने के बाद यह शुरू हो पाया। इसी तरह 2021 की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी उभरकर सामने आई। ताबड़तोड़ प्लांट डालने का खांका तैयार किया गया, लेकिन अब तक वह भी अधूरा ही है।

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