खरगोन

नर्मदा प्रॉपर्टी में अतिक्रमण करने वालों पर नकेल, 300 मीटर के दायरे वाले निर्माण को नापेगा शासन

-तीन सप्ताह में नर्मदा के हाईफ्लड लेवल का निर्धारण करना जरूरी, मामला नर्मदा क्षेत्र में अतिक्रमण का, एसडीएम ने कहा- निर्देश मिलते ही करेंगे नपती -हाईकोर्ट ने नर्मदा के हाई फ्लड लेवल से 300 मीटर तक के क्षेत्र को नर्मदा की प्रॉपर्टी घोषित किया है, नर्मदा किनारे के निर्माण को उसकी प्रॉपर्टी माना है

खरगोनSep 19, 2019 / 11:40 am

Gopal Joshi

खरगोन. जिले के बड़वाह, मोरटक्का, मंडलेश्वर, महेश्वर, नावड़ातौड़ी, माकडख़ेड़ा क्षेत्र आते हैं दायरे में।

खरगोन.
नर्मदा क्षेत्र में नदी की प्रॉपर्टी में हो रहे अतिक्रमण को रोकने के लिए शासन सख्त रवैया अपनाएगा। इसके लिए नर्मदा के हाई फ्लड लेवल से 300 मीटर का दायरा नापा जाएगा और तीन सप्ताह में इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यह कार्रवाई प्रदेश के उन सभी क्षेत्रों में होगी जहां से नर्मदा बहती है। इसके दायरे में जिले का बड़वाह, मंडलेश्वर, महेश्वर नावड़ातौड़ी व इससे लगा क्षेत्र आता है। नर्मदा की प्रॉपर्टी के दायरे में हुए निर्माण कार्यों की सूची तैयार होगी और इसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। दरअसल, नर्मदा मिशन द्वारा जबलपुर में तिलवारा घाट पर दयोदय ट्रस्ट के निर्माण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई और इसके बाद हाईकोर्ट ने यह निर्देश जारी किए। कोर्ट ने इस मसले को केवल जबलपुर तक सीमित नहीं रखा। इसे वहां भी प्रभावशील बनाया है जहां से नर्मदा होकर निकली है।
आदेश के बाद अब अमरकंटक से लेकर प्रदेश के पूरे नर्मदा क्षेत्र में नदी की प्रॉपर्टी में हो रहे अतिक्रमण की रिपोर्ट बनेगी। कोर्ट ने शासन को हिदायत दी है कि हाई फ्लड लेवल का वास्तविक माप का निर्धारण कराया जाए। पहले नर्मदा की प्रॉपर्टी में अतिक्रमण के इस मामले को जबलपुर तक सीमित माना जा रहा था। अब सख्ती के बाद पूरे प्रदेश में नर्मदा किनारे हुए अतिक्रमण और निर्माण की जांच होगी। चूंकिं हाईफ्लड लेवल, निर्माण और अतिक्रमण की रिपोर्ट तीन हफ्तों में देनी है इसलिए अब काम की मॉनीटिरिंग प्रिंसिपल सेके्रटरी से उच्च स्तर के अधिकारी करेंगे।
अमरकंटक से पूरे प्रदेश के नर्मदा क्षेत्र में होगा 300 मी दायरा निर्धारित
कोर्ट ने तीन सप्ताह में नर्मदा के हाई फ्लड लेवल से 300 मीटर के दायरे का निर्धारण कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है जबलपुर ही नहीं पूरे प्रदेश में नर्मदा किनारे से हाई फ्लड लेवल के 300 मीटर के दायरे में निर्माण रुकें। बल्कि इसके लिए प्रदेश स्तर पर यूनिफॉर्म तरीके से काम हो सके इसका निर्धारण हो।
हाईफ्लड लेवल से होगा प्रॉपर्टी का निर्धारण
जानकारी के मुताबिक नर्मदा के अधिकतम बाढ़ का तल पिछले 25 वर्षों के अधिकतम तल और पिछले दस साल में आई बाढ़ के अधिकतम तल के बीच की दूरी को माना जाएगा। इसे लाइन ऑफ हाई फ्लड लेवल माना जाएगा। रेलवे के ब्रिज, रेलवे लाइन और ओवर ब्रिज पर अंकित हाई फ्लड लेवल के माप का सहारा लिया जा सकता है।
इन जिलों में बहती है नर्मदा
नर्मदा नदी प्रदेश के अनुपपुर,उमरिया, शहडोल, कटनी, जबलपुर, डिंडोरी, मंडला, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, धार, देवास, खरगोन, बड़वानी, खंडवा, अलीराजपुर जिलों में बहती है। नर्मदा नदी की कुल लबांई ़1312 किलोमीटर है। मप्र में लंबाई 1077 किमी और गुजरात में 235 किमी है।
निर्देश मिलते ही करेंगे कार्रवाई
-अभी तक निर्देश नहीं मिले हैं। निर्देश मिलते ही इस पर काम करेंगे। अतिक्रमण है तो उसकी रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट को प्रेषित की जाएगी। -अभिषेक गेहलोत, एसडीएम, खरगोन

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