शासन स्तर से जिले में गेहूं खरीदी के लिए 92 और चने के लिए 18 केंद्र बनाए गए हैं। इन सभी पर शनिवार को एक साथ खरीदी शुरु होना थी। खाद्य विभाग के माध्यम से गेहूं के लिए 992 और चने के लिए 179 किसानों को मैसेज भेजे गए थे। लंबे इंतजार के बाद खरीदी होने पर किसानों के बड़ी संख्या में आने की उम्मीद थी। लेकिन ऐसा नहीं और कम ही किसानों ने उपज बेचने में रुचि दिखाई। जानकारी के अनुसार पहले दिन 114 किसानों से 1773 क्विंटल गेहूं की खरीदी हुई। चने के लिए सिर्फ 8 किसान ही उपज बेचने आए थे। इनसे 133 क्विंटल चना खरीदा गया। कसरावद, कतरगांव, भीकनगांव, बड़वाह, सनवाद, बडूद सेंटरों पर ये किसान उपज बेचने आए थे।
सरकारी खरीदी के लिए सभी संस्थाओं को माकूल इंतजाम के निर्देंश दिए गए थे। दोपहर में सहायक खाद्य आपूर्ति अधिकारी भारतसिंह जमरे ने केंद्रों का निरीक्षण किया। जहां किसानों बेहतर क्वालिटी का माल लेकर आए थे। एफएक्यू गुणवत्ता आधारित माल ही खरीदा गया। उन्होंने बताया कि 30 मार्च से जिले में नियमित खरीदी होगी। इस दौरान आवक में भी इफाजा होगा।
41 सेंटरों पर नहीं हुआ श्री गणेश
पहले दिन जिले के ज्यादातार सेंटरों पर तीन-चार किसान पहुंचे। वहीं 41 सेंटरों पर तो खरीदी का श्रीगणेश ही नहीं हुआ। होली त्योहार और दो दिन की छुट्टी के कारण किसानों ने उत्साह नहीं दिखाया। शहर में आठ अलग-अलग संस्थाओं का माल तीन वेयर हाउसों पर खरीदा जा रहा है। इसमें राजश्री वेयर हाउस पर दो और कृष्णा कॉटेज गोदाम पर चार संस्थाओं का माल तौला गया। 39 संस्थाएं जिनके पास गोदाम नहीं है, वहां परिसर में ही खरीदी की व्यवस्था की गई है।
15 मंडी और उप मंडियों में सेंटर
जिले में मंडियों में भी खरीदी केंद्र बनाए गए है। यह सेंटर 15 मंडी और उप मंडियों में तैयार किए गए हैं। जहां आगामी करीब दो महीने तक खरीदी होगी। जिले में 48810 गेहूं के पंजीयन, 23884 चने के पंजीयन, 92 केंद्र गेहूं खरीदी के लिए, 18 केंद्र चने के लिए बनाए।