इन छह दिनों में पुलिस ने सभी तरह के हाथ-पैर मार लिए, पर सुराग नहीं लगे और साथ ही अफसरों की रात की नींद उड़ी हुई है। शातिराना अंदाज में घटना को अंजाम देने वाले वहशी दरिंदो ने अपने पीछे कोई सबूत न छोड़कर पुलिस प्रशासन के छक्के छुड़ा दिए हैं।
आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए पुलिस अब तक सायबर, फारेंसिक, फोटो स्केच एवं मेडिकल सहित वे तमाम हथकंडे आजमा चुकी है। जो बड़े से बड़े अपराध या घटनाक्रम की गुत्थी सुलझाने में मददगार साबित होते आए है। जिला प्रशासन ने ऐसे 50 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को भी 14 टीमों के साथ लगाया है, जो पूर्व में कभी चैनपुर आरक्षी केंद्र में पदस्थ रहकर अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुके है। पुलिस सूत्रों का मत है कि पूर्व में यहां रहे पुलिसकर्मियों को क्षेत्र की सामाजिक तथा भौगोलिक स्थिति का ज्ञान होने के अलावा अपराध जगत से जुड़े लोगों के बारे में भी अच्छी समझ है।
दो बार मेडिकल, अब डीएनए टेस्ट का सहारा
पुलिस द्वारा पीडि़ता का दो मर्तबा मेडिकल कराया जा चुका है। वहीं अपुष्ट खबर है कि सोमवार को भी पुलिस जांच के लिए से खरगोन लेकर गई। किंतु मेडिकल जांच अस्पष्ट होने से पुलिस के हाथ ठंडे पड़ गए। रविवार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थ डॉ. दीपक जायसवाल ने तीनों संदिग्धों के खून का सेंपल भी लिए। डीएन टेस्ट कराये जाने की बात भी सामने आ रही है। ताकि किसी एक नतीजे पर पहुंचा जा सके।
दो दिन पूछताछ के बाद नतीजा सिफर
शनिवार की रात पुलिस ने अलग-अलग गांवों से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया था। इनमें एक युवक पीडि़ता के गृहग्राम वामनपुरी का है। जबकि दूसरा भीकनगांव के समीप स्थित गोविंदपुरा एवं तीसरा अंजनगाव का निवासी है। तीनों से बीते दो दिनों से लंबी पूछताछ की गई। लेकिन नतीजा सिफर रहा। सूत्रों के अनुसार पीडि़ता ने इन तीनों में से किसी की भी पहचान नहीं की। ऐसे में पुलिस की मुश्किल बढ़ गई। घटनास्थल पर चोरी की बाइक मिली थीं, जो इंदौर की है। बाइक चोर का भी अभी तक पता नहीं चला।
450 मोबाइल कॉल ट्रेस, 150 से पूछताछ
आरोपितों की पहचान के लिए सायबर एक्सपर्ट की मदद ली गई। दो दिन की मशक्कत के बाद 450 मोबाइल फोन नम्बरों को ट्रेस किया, उनमे से करीब 150 लोगों को चिन्हित कर पुलिस उन्हें थाने लाई और गहन पूछताछ की। किन्तु सारी कसरत बेनतीजा रही।
इन्वेस्टीगेशन जारी
अलग-अलग संदिग्धों से पूछताछ की गई। अभी कोई लिंक पता नहीं चली, जिससे आरोपितों की पहचान हो सके। इन्वेस्टीगेशन जारी है। बाइक चोरों के रिकॉर्ड के साथ आसपास के जिलों में भी खोजबीन कर रहे हैं।
शैलेंद्रसिंह चौहान, एसपी खरगोन