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गुरुवार सुबह जब अचानक रिश्तेदारों की आमद होने लगी तो माता-पिता हतप्रभ रह गए। बार-बार आने की वजह पूछने लगे। कोई बताने की हिम्मत तक नहीं जुटा रहा रहा था। जैसे ही बेटे के निधन की सूचना मिली तो मानों बुजुर्ग दंपती पर पहाड़ टूट पड़ा। पत्नी स्वाति का भी बुरा हाल हो गया। उनका रुदन थमने का नाम नहीं ले रहा था। कुछ देर विजय के पार्थिव शरीर को घर पर रखने के बाद अंतिम संस्कार के लिए कुंदा नदी तट स्थित मुक्तिधाम ले जाया गया।
सुबह 7 बजे शव को ले गए घर
परिजन ने बताया मुंबई से इंदौर तक विजय के शव को स्पेशल प्लेन से लाया गया। इसके बाद एंबुलेंस से खरगोन पहुंचाया गया। यहां करीब रात 1.30 बजे एंबुलेंस आई। शव को जिला अस्पताल में रखा गया। गुरुवार सुबह 7 बजे रिश्तेदारों के आने के बाद शव को कालिंदीकुंज स्थित निवास पर ले जाया गया।