ग्रामीण हीरालाल निंगवाल, गोरुबाई चंदवाल, मोना चंद्रावल, आल्या चारण, धन्नालाल जाखर, कालू सोलंकी ने कहा कि सवा छह सौ आबादी वाला भातुर में पिछले एक माह से डेंगू जैसी घातक बीमारी से जूझ रहा है। प्रत्येक घर में तीन से चार सदस्य डेंगू और वायरल बुखार से पीडि़त हैं। ग्रामवासी निजी चिकित्सकों से चिकित्सा लेने पर विवश हैं। पूरा ग्राम प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत सचिव ने ग्राम वासियों को डेंगू से बचाव की जानकारी नहीं दी।
चिकित्सा दल ने बाटी दवाइयां
इस बीच डेंगू के प्रकोप की खबर मिलने पर सरकारी अमला हरकत में आया और चिकित्सा दल भातुर पहुंचा और बुखार पीडि़त रोगियों को जरूरी दवाएं वितरित कीं। बड़वाह बीएमओ डॉ. राजेंद्र मिमरोट और मेडिकल ऑफिसर डॉ. अरविंद कुशवाह बेडिय़ा ने अपनी टीम के साथ ग्राम का दौरा किया और गड्ढों तथा हैंडपंप के आसपास कीटनाशक रसायन का छिड़काव कर मच्छरों के लार्वा को नष्ट किया और मरीजों की जांच कर दवा वितरित की। मलेरिया निरीक्षक उस्मान पठान और सुपरवाइजर विश्वनाथ राठौर ने गड्ढोंं में लार्वा नाशक रसायन का छिड़काव किया। दल ने पानी में मौजूद लार्वा के नमूने जांच हेतु एकत्रित किए।
जिला मलेरिया नियंत्रक दल ने किया दौरा
जिला मलेरिया नियंत्रक अधिकारी डॉ. मनोज पाटीदार और महामारी विशेषज्ञ डॉ. रेवाराम कौशल ने भी दौरा किया और ग्रामीणों को डेंगू के लार्वा को नष्ट करने की विधि बताई। मलेरिया नियंत्रक दल ने ग्रामीणों को पानी का भराव रोकने और गड्ढों में केरोसीन डालकर लार्वा को नष्ट करने की जानकारी दी। उधर, पंचायत सचिव तुलसीराम पटेल ने कहा कि ग्राम में जल्दी ही नालियों के निर्माण का काम शुरू किया जाएगा और डेंगू से बचाव के लिए जनजागरण अभियान चलाया जाएगा।