11 अप्रैल को प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देश पर खसखसवाड़ी क्षेत्र में चार मकान और कुछ पशु बाड़ों को जेसीबी से तोड़ा गया। यहां हसीना बी का पक्का मकान बना था, जो पीएम आवास योजना में स्वीकृत हुआ था। जिसके लिए ढाई लाख की राशि मिली थी। लेकिन अधिकारियों ने महिला के घर को अतिक्रमण बताकर गिरा दिया। इससे विधवा महिला सहित परिवार बेघर हो गया। तीन से चार दिन परिवार को खुले में गुजरना पड़ी। इस कार्रवाई के बाद से प्रशासन की किरकिरी हुई। महिला को पहले मकान बनाने के लिए आर्थिक मदद दी गई और फिर उसे अतिक्रमण का हिस्सा बताकर तोड़ दिया। प्रशासन अपनी इस गलती को सुधारने में लग गया है। बुजुर्ग महिला और परिवार के पुनर्वास के लिए नए स्थान पर विस्थापित करने की तैयारी में जुट गया है।
इंदिरा नगर में नपा द्वारा बनाई मल्टी के अंदर रहने के लिए मकान देने की बात कही। लेकिन सुरक्षा का हवाला देकर परिवार ने रहने से मना कर दिया। नए स्थान का चयन कर परिवार को बसाने योजना है।
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पत्रिका ने उठाया था मामला
घर टूटने के बाद बेघर हुए परिवार की आवाज को पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था। जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और मामले की छानबीन शुरू हुई। पिछले दो दिनों से प्रशासन इस कवायद में लगा है कि परिवार को किसी तरह दूसरे स्थान पर बसाया जा सके।
परिवार बेहद गरीब
महिला का घर शासकीय जमीन पर बना था। चूंकि परिवार के पास रहने के लिए कोई दूसरा मकान नहीं है। इसलिए पुर्नविस्थापित किया जाएगा।
-अनुग्रहा पी, कलेक्टर खरगोन