scriptMP गजब है: यहां 13 वर्षीय नाबालिग करता है ग्रामीणों का इलाज! ! | primary health center of Kanpur village | Patrika News

MP गजब है: यहां 13 वर्षीय नाबालिग करता है ग्रामीणों का इलाज! !

locationखरगोनPublished: Jan 16, 2019 10:37:10 pm

कानापुर अस्पताल में पदस्थ स्वीपर का 13 वर्षीय पोता आकाश ग्रामीणों का उपचार करते देखा जा सकता है।

primary health center of Kanpur village

primary health center of Kanpur village

सनावद. तहसील के ग्राम कानापुर स्थित प्राथमिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विभाग की अनदेखी के चलते डॉक्टर व स्टाफ के अभाव में विगत एक साल से लगभग बंद जैसा है। जबकि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य से सबंधित समस्या के लिए स्थानीय स्तर पर ही शासन सुविधा देने की बात कर रही है।
कानापुर में यह अस्पताल रोजाना सुबह 8 बजे खुलता है। जहां पदस्थ स्वीपर राधा बाई (60) का 13 वर्षीय पोता आकाश ग्रामीणों का उपचार करते देखा जा सकता है। साथ ही साफ -सफ ाई करने के बाद 10 बजे बंद कर देता है। इस बीच भूले-भटके कोई मरीज आ जाता है तो आकाश उसे डॉ द्वारा बताई दो तरह की टेबलेट दे देता है।
सरकारी अस्पताल में विगत एक वर्ष से पदस्थ डॉ. बलराम पाटीदार बीएमओ बड़वाह के आदेश से सनावद सिविल अस्पताल में अटैच होकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कानापुर का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सनावद का सिविल अस्पताल के बीच लगभग 40 किलोमीटर का फ ासला है। ऐसे में सनावद से ड्यूटी करने के पश्चात कानापुर में ड्यूटी करना असंभव सा लगता है। परंतु डॉक्टर का कहना है कि मैं दोनों ही जगह समय रहते कार्य करता हूं।
खंडहर हो रहा बिल्डिंग
कानापुर के रहवासी गेंदालाल पटेल, रसीद खान, रामलाल बिरला, कडवा सेजगया ने आरोप लगाते हुए कहा यहां न डॉक्टर ना ही अन्य स्टाफ रहता है। एक नाबालिग के हवाले अस्पताल छोड़ रखा है। अभी भी इलाज कराने के लिए हमें बैडिय़ा, सनावद जाना पड़ता है। सीताराम पटेल, हुकुम भाई, कालू शाह ने बताया सन 1995 में बने इस अस्पताल से ग्रामीणों में उम्मीद जागी थी। विगत 2 साल से अस्पताल में डॉक्टर व स्टाफ के अभाव में अस्पताल का बिल्डिंग खंडहर बनकर रह गया है। एक नाबालिक के हवाले अस्पताल अपनी सांसें ले रहा है। बलराम पाटीदार का भी कहना है कि एक साल से मैं सनावद में होकर कार्य कर रहा हूं। फि र भी समय निकालकर कानापुर में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाता हूं।
ओपीडी रजिस्टर में मरीजों की इंट्री
अस्पताल के ओपीडी रजिस्टर को देखें तो उस में डॉक्टर द्वारा प्रतिदिन चार से पांच मरीजों को देखना दर्ज है। इससे यह प्रतीत होता है कि यहां पर प्रतिदिन डॉक्टर मरीजों का इलाज करते हैं। परंतु ग्रामीणों की बातों से लगता है कि जब डॉक्टर यहां आते ही नहीं तो मरीजों का इलाज कब करते हैं। स्पष्ट होता है कि यह पूरी तरह ओपीडी रजिस्टर फर्जी तौर पर बनाया गया है। अस्पताल की व्यवस्था को लेकर ग्रामीणों ने ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर बड़वाह को भी आवेदन दिए है। परंतु उस पर भी अमल नहीं हुआ। ग्रामीणों ने कहा अब स्थानीय विधाकय और स्वास्थ्य मंत्री से समस्या के समाधान की मांग की जाएगी।
डॉक्टरों की कमी के चलते डॉ बलराम पाटीदार को सनावद अटैच कर रखा है। यदि सफाईकर्मी का पोता दवाई देता है तो मैं जांच करूंगा। विक्रमसिंह सोलंकी, बीएमओ, बड़वाह
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो