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कर्मचारी बोले- सरकार दे रही हर महीने लालीपॉप, बेदखली पर झेलना होगा विरोध

locationखरगोनPublished: Nov 30, 2020 06:38:39 pm

Submitted by:

tarunendra chauhan

इधर…स्वास्थ्य कर्मचारियों के भविष्य को लेकर नहीं हो रहा निर्णयकर्मचारी संविदा नियुक्ति की मांग को लेकर लामबंद

Protest Employees

Protest Employees

खरगोन. कोरोना महामारी के बीच अपनी जान जोखिम में डालकर स्वास्थ्यकर्मी (अस्थाई) मरीजों की सेवा में जुटे हैं। इनके काम के बदले पुरस्कार देन के बजाए सरकार उन्हें नौकरी से हटाने की तैयारी कर चुकी है। जिसे लेकर कर्मचारियों भविष्य का डर सता रहा है। दरअसल, सरकार द्वारा कोरोना काल के आरंभ मेंं मार्च से आयुष डॉक्टर, जीएनएम (स्टाफ नर्स), मेल नर्स, लैबटेक्निशियन आदि की अस्थाई भर्ती की थी। जिले में डेढ़ सौ से ज्यादा कर्मचारी जिला अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने अभी तक ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभाई। हर मुश्किल समय में सरकार का साथ दिया। जिन्हें संविदा नियुक्ति की उम्मीद थी। लेकिन सरकार हर महीने उन्हें लालीपॉप देती रही।

वहीं हाल ही में एक आदेश जारी कर अस्थाई कर्मचारियों को बेदखली (हटाने) का मन बना चुकी है। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। रविवार को जिला अस्पताल में आयुष डॉक्टर, स्टॉफ नर्स, लैब टेक्निशियन आदि की बैठक हुई। इसमें निर्णय लिया कि सरकार अपना आदेश वापस लें और यदि ऐसा नहीं होता है, तो विरोध झेलना पड़ेगा। कर्मचारी अस्पताल गेट पर ही धरना देने के लिए मजबूर होंगे।

सोमवार को सभी अस्थाई कर्मचारी काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। इसके चलते अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा सकती है। खासकर कोविड सेंटर व आईसोलेशन वार्ड में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इस मौके पर डॉ. संजय बिरला, प्रवीण मालवीया, रोशन जायसवाल, संतोष पाटीदार, राहुल कनेल, सुनिता भालसे, सपना राठौड़, ज्योति, रीना डावर आदि मौजूद थे।

भाजपा जिलाध्यक्ष से की मुलाकात
इधर, देर शाम को स्वास्थ्यकर्मचारियों का एक प्रतिनिधि मंडल भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्र राठौर से मिला और उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराया। एक दिसंबर से धरना देने की जानकारी दी। कर्मचारियों ने कहा कि किसी एक को हटाने पर विरोध करेंगे। नेताओं के घर जाएंगे और थाली बजाकर उन्हें जगाएंगे। राठौर ने कलेक्टर से चर्चा कर समाधान निकालने की बात कही। आश्वास्त किया जनवरी तक किसी को नहीं हटाया जाएगा।

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