संविधान की दुहाई दी फिर भी नहीं मिली एंट्री
जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है उसमें पीली ड्रेस में दलित युवती है जो कि महाशिवरात्रि पर मंदिर में पूजा करने के लिए पहुंची थी। युवती जैसे ही मंदिर में पहुंची तो मंदिर के पुजारी ने उसे बाहर ही रोक दिया। पुजारी का साथ दो महिलाओं ने भी दिया जो वीडियो में युवती को मंदिर में जाने से रोकती नजर आ रही हैं। इस दौरान युवती ने संविधान की दुहाई दी..पुलिस को बुलाने का भी कहा लेकिन पुजारी ने उसकी एक भी बात नहीं सुनी। इसी दौरान किसी ने अपने मोबाइल से इस घटना का वीडियो बना लिया और बाद में सोशल मीडिया पर डाल दिया जो तेजी से वायरल हो रहा है।
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दलित समाज ने की कार्रवाई की मांग
घटना को वीडियो वायरल होने के बाद पीड़िता सहित समाजजनों ने मेनगांव थाने पर शिकायत दर्ज कराई। मामले में तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। लेकिन अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई। वहीं गुरुवार को खरगोन पहुंचे समाजजनों ने एसपी कार्यालय में धरना देकर नारेबाजी की और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। एसपी सिद्धार्थ चौधरी के समक्ष शिकायत करते हुए समाजजनों ने आरोप लगाया कि जिले के कई गांवों में दलित समाजजन के लोगों के साथ इसी तरह का दुव्र्यवहार किया जा रहा है, जो कि उचित नहीं है। भारतीय संविधान में सभी को बराबरी का अधिकार है। मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए सभी वर्ग के लोग कर सकते हैं। टेमला जो पूर्व राज्यमंत्री बालकृष्ण पाटीदार का गांव है और यहां अब भी दलित को छूने से मनाही है। वही इस पूरे घटनाक्रम को लेकर राज्य मानव अधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है। आयोग अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने इस संबंध में खरगोन एसपी को नोटिस जारी कर महीनेभर में जवाब देने की बात कही है।
देखें वीडियो-