शहर की पेयजल व्यवस्था का मुख्य स्त्रोत देजला-देवड़ा बांध व खारक बांध जलाशय है। यह दोनों ही तालाब भगवानपुरा और धूलकोट क्षेत्र में स्थिति हैं। इस क्षेत्र में अब तक १६ इंच बारिश हुई है। हालांकि यह आंकड़ा गतवर्ष से लगभग चार इंच ज्यादा है। लेकिन पर्याप्त बारिश के अभाव में दोनों ही जलाश्यों में 30 फीसदी ही पानी आया है। इसी तरह जिले में लगभग ७० तालाबों में ही बारिश का पानी पहुंचा है। अब भी आधे से ज्यादा तालाब खाली है। विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तक सामान्य बारिश सभी ब्लॉकों में हुई है। एक दिन में चार इंच या उससे ज्यादा बरसात नहीं होती, तब तक तालाबों या नदियों में पानी आना मुश्किल है।
जिले में इस सीजन में 362.8 मिमी (सवा 14) इंच बारिश हुई। यह आंकड़ा बीते साल से लगभग डेढ़ इंच ज्यादा है। हालांकि झमाझम बारिश का इंतजार सभी को हैं। तेज बारिश के नहीं होने किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। जिले में ज्यादातर तालाब सिंचाई केे लिए बने हैं। जिनकी नहरों से ही अधिकांश क्षेत्र में सिंचाई होती है। तालाबों के खाली रहने से सिंचाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इससे किसानों की चिंता बढ़ सकती है।
जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में करीब 154 छोटे-बड़े तालाब है। इनमें से अब तक सिर्फ 70 तालाबों में ही बारिश का पानी पहुंचा है। जबकि 80 तालाब ऐसे है जो पूरी तरह से खाली है। इन तालाबों में अब तक बारिश का पानी जमा हीं नहीं हुआ। अधिकारियों ने बताया कि जिले में हुई बारिश से कुछ ही जलाशयों के स्तर में बढ़ोतरी हुई है। जिले में अब भी तेज बारिश का इंतजार है।
जलाशय क्षमता . स्टोरेज पानी
देजला देवडा 56.35 एमसीएम 20 प्रतिशत
खारक तालाब 21.67 एमसीएम 25 प्रतिशत
अपरवेदा 315 मीटर 25 प्रतिशत
साटक तालाब 19. 80 एमसीएम 30 प्रतिशत
अंबकनाला तालाब . 22.05 एमसीएम 70 प्रतिशत
जिले में सामान्य रूप से औसत बारिश हुई है। तेज बारिश की दरकार है। अभी तक ४० फीसदी ही तालाबों में पानी आया है। अगस्त और सितंबर में बारिश का कोटा पूरा होने के साथ सभी डेम भरने की उम्मीद है।
बीपी भगोरा, अधीक्षण यंत्री जल संसाधन