कलेक्टर गोपालचंद डाड ने कहा- शहर से 10 किमी के दायरे में जो पंचायतें आ रही हैं वहां का कचरा नगरपालिका उठाएगी और टे्रंचिंग ग्राउंड पर इसका संग्रहण कर सेग्रीगेट करेगी। अन्य पंचायतें को इस दायरे से बाहर है वहां ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए पंचायतों को तीन से चार एकड़ जमीन उपलब्ध कराएंगे, वे वहां कचरा संग्रहित करेगी। निपटान की प्रक्रिया भी होगी होगी।
स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक पाटील ने बताया ट्रेंचिंग ग्राउंड का निरीक्षण करने के बाद जिला पंचायत में हुई बैठक के दौरान कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसमें शुक्रवार से ही इन पंचायतों ने प्लास्टिक के विक्रय और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। पंचायतें व्यवसायिक टैक्स लागू करेगी। प्रतिमाह रिकवरी होगी। इन 66 पंचायतों में कचरा वाहन खरीदे जाएंगे जो बैंक से फायनेंस होंगे। इसकी किश्त पंचायत मद से ही जमा की जाएगी। गांव के हर घर से सूखा व गीला कचरा अलग-अलग देकर उसे सेग्रीगेट किया जाएगा।
कलेक्टर डाड व जिला पंचायत सीईओ डीएस रणदा ने कहा- अभी यह प्रक्रिया जिले की 66 बड़ी पंचायतों में अपनाई जाएगी। प्रयोग सफल रहा तो इसे जिले की सभी पंचायतों में लागू कर देंगे।
जनपद पंचायतों के अध्यक्ष, सरपंच, सचिव व स्वच्छता प्रभारी दोपहर करीब २ बजे डाबरिया फल्या स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचे। यहां ग्राउंड का भ्रमण किया। शहर से निकलने वाले कचरे के निपटान की प्रक्रिया समझी। नपा के कंसल्टेंट सेलेस्टियल वेस्ट मेनेजमेंट के प्रोजेक्ट हेड मितेष रावल ने बताया सूखे कचरे को प्लांट पर लाकर उसे सेग्रीगेट करके पेपर, पन्नी, प्लास्टिक, लोहा, रबर, अलग-अलग करते हैं। पन्नी व प्लास्टिक को मशीनों से क्रश करके गट्टे बनाकर बेचा जाता है।
सरपंच-सचिवों ने उनके ग्रामीण क्षेत्र से निकलने वाले कचरे का निपटान खरगोन ट्रेंचिंग ग्राउंड में किए जाने के लिए नपा में आवेदन दिए। स्वास्थ्य अधिकारी प्रकाश चित्ते ने बताया अधिकारियों से चर्चा के बाद इस विषय पर निर्णय लिया जाएगा। सरपंच सचिवों ने यहां गीले कचरे को सेग्रीगेट करके पिट में प्रोसेस कर जैविक खाद तैयार की प्रक्रिया भी समझी।
-शहर में पॉलिथिन पूर्णत: प्रतिबंधित है। रीड्यूज, रियूज और रिसाइकल के जरिए कचरा घट गया है। जब तक यह चलन में थी तब तक शहर से कचरा ज्यादा निकलता था, अब कचरे की मात्रा कम हुई है। ट्रेंचिंग ग्राउंड पर जो प्लांट लगाया है वह अभी खाली रहता है। इसका उपयोग सतत होता रहे इसके लिए पंचायतों से कचरा लेकर उसका सेग्रीगेट करेंगे। -निशिकांत शुक्ला, सीएमओ, खरगोन
-शहर से दस किमी के दायरे में जो पंचायतें आती हैं वहां का कचरा नगरपालिका यहां लेकर आएगी। पंचायतें वहां संग्रहण करने का काम करेगी। सूखा व गीला कचरा अलग-अलग लिया जाएगा। इस दायरे से बाहर वाली पंचायतों को ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए जमीन उपलब्ध कराएंगे। स्वच्छता की दिशा में ग्रामीण क्षेत्र भी आगे आए इसलिए यह प्रयास किए जा रहे हैं। -गोपालचंद डाड, कलेक्टर खरगोन