कलेक्टर ने कहा प्रावधान के अनुसार प्रसव पूर्व ***** निर्धारण के लिए यह जरूरी है कि जो-जो प्रावधान किए हैं, उसके अनुसार गतिविधियां की जाएं। अब से जिले के सभी सोनोग्राफी सेंटरों पर 90 दिनों में निगरानी की जाएगी। 7 दिनों के भीतर सेंटर्स की बैठक होगी।
कार्यशाला में पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट 1994 और उसके बाद किए गए संशोधनों के बारे में बताया गया। कार्यशाला में कलेक्टर ने यह भी कहा किसी सभी सभ्य समाज द्वारा एक बच्ची को उसके जीवित रहने के अधिकार से वंछित करना एक जघन्य अपराध है।