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जिले के सभी सोनाग्रॉफी सेंटरों का हर 90  दिन में होगा स्केन, लेंगे जानकारी

locationखरगोनPublished: Jan 16, 2020 08:35:58 pm

Submitted by:

Gopal Joshi

-विवेकानंद सभाहॉल में पीसी एंड पीएनडीटी की कार्यशाला हुई-स्वास्थ्य कार्यकारी निदेशक ने कहा- सोनोग्राफी मशीन का उद्देश्य बच्चे की स्थिति जानना प्रसव पूर्व ***** निर्धारण करना नहीं

Scanning of all Sonagrophy centers in the district

खरगोन. कार्यशाला में मौजूद अफसर व संत।

खरगोन.
गिरते शिशु लिंगानुपात की चिंता अब प्रशासन को सताने लगी है। इस समस्या के निराकरण गुरुवार को अफसरों ने ढंूढे। स्वामी विवेकानंद सभाहॉल में प्रसव पूर्व ***** निर्धारण को लेकर एक कार्यशाला हुई। इसमें मप्र वॉलेंटियर के स्वास्थ्य कार्यकारी निदेशक मुकेश सिन्हा ने पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट से संबंधित प्रावधान बताए।
उन्होंने कहा समाज में डॉक्टरों की महत्वपूर्ण भूमिका है। सोनोग्राफी मशीन का उद्देश्य बच्चे की स्थिति को जानना है ताकि उसके आंतरिक स्वास्थ्य या विकास का उपाय निकाला जा सके। लेकिन सामाजिक चेतना में कमी से प्रसव पूर्व ***** निर्धारण की प्रवृत्ति सामने आई है। यह बात सुनते ही कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे कलेक्टर गोपालचंद डाड ने कहा हर 90 दिनों में जिले के सभी सोनोग्रॉफी सेंटरों का स्केन करेंगे। जानकारी अपडेट करेंगे। इस अवसर पर सीएमएचओ डॉ. रजनी डावर, सिविल सर्जन डॉ. राजेंद्र जोशी, डॉ. संजय भट्ट, डॉ. चंद्रजीत सांवले, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी अमरेंद्र कुमार तिवारी, डॉ. गोविंद मुजाल्दा एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि स्वामी कृष्णानंद सरस्वती, तिलकदास उदासीन, संतदास वैष्णव मौजूद थे।
हर 90 दिनों में केंद्रों की होगी निगरानी
कलेक्टर ने कहा प्रावधान के अनुसार प्रसव पूर्व ***** निर्धारण के लिए यह जरूरी है कि जो-जो प्रावधान किए हैं, उसके अनुसार गतिविधियां की जाएं। अब से जिले के सभी सोनोग्राफी सेंटरों पर 90 दिनों में निगरानी की जाएगी। 7 दिनों के भीतर सेंटर्स की बैठक होगी।
बच्ची को उसके अधिकार से वंचित रखना जघन्य अपराध
कार्यशाला में पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट 1994 और उसके बाद किए गए संशोधनों के बारे में बताया गया। कार्यशाला में कलेक्टर ने यह भी कहा किसी सभी सभ्य समाज द्वारा एक बच्ची को उसके जीवित रहने के अधिकार से वंछित करना एक जघन्य अपराध है।

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