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चलते प्रशिक्षण में ऐसा क्या हुआ कि बेहोश हो गया शिक्षक…

locationखरगोनPublished: Dec 07, 2019 07:53:25 pm

Submitted by:

Gopal Joshi

शाला सिद्धी प्रशिक्षण शाला सिद्धी प्रशिक्षण में बिगड़ी प्रधानपाठक की तबीयत, गश खाकर गिरे, साथी अध्यापकों ने पहुंचाया जिला अस्पताल, आजाद अध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष ने प्रशिक्षण स्थल पर ही अफसरों को सुनाई खरी-खोटी, कहा- प्रशिक्षणों के जरिए बेवजह तनाव दे रहे हैं शिक्षकों को, किसी दिन लाशें बिछ जाएगी

School training

खरगोन. साथी शिक्षकों ने इस तरह शिक्षक वर्मा को जिला अस्पताल उपचार के लिए पहुंचाया।

खरगोन.
डाइट संस्थान में शनिवार से शुरू हुए शाला सिद्धी प्रशिक्षण में बड़वाह ब्लॉक की बांगरदा शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय के प्रधानपाठक राजेश वर्मा की अचानक तबीयत बिगड़ गई। वह प्रशिक्षण में ही गश खाकर गिर गए। साथी शिक्षकों ने ताबड़तोड़ उन्हें उठाया और अन्य कमरे में एक टेबल पर लेटाया। प्रशिक्षण के दौरान बिगड़ी शिक्षक की तबियत को देखकर साथी शिक्षकों ने जमकर हंगामा किया। प्रशिक्षण स्थल पर ही प्रबंधन को सिस्टम को कोसा। कुछ देर बात 108 एंबुलेंस से बीमार शिक्षक को उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया गया। उसका उपचार जारी है।
डाडट संस्थान में शनिवार सुबह प्रशिक्षण शुरू हुआ। इस दिन बड़वाह ब्लॉक के 160 शिक्षकों का प्रशिक्षण था। इसमें बांगरदा स्कूल के प्रधानपाठक राजेश वर्मा भी शामिल हुए। साथ शिक्षक जगदीश शाह, राजेश शर्मा, बाबूलाल इंगले, जेपी जोशी ने बताया अचानक राजेश वर्मा की तबीयत बिगड़ी वह वह बेहोश हो गए। किसी को कुछ समझ में नहीं आया। ताबड़तोड़ उन्हें उठाकर प्रशिक्षण कक्ष से बाहर किया और अन्य कमरे में लेटाया। यहां भी कोइ मुवमेंट नहीं बन रही थी। प्रशिक्षण में शामिल आजाद अध्यापक संघ के कार्यकारी प्रातांध्यक्ष शिवराज वर्मा ने कहा- बेहोश होने के बाद शिक्षक को संस्थान के किसी जिम्मेदार ने देखा तक नहीं। वे उसे यहां एक कमरे में छोड़कर चले गए। नैतिकता तक नहीं दिखाई। अध्यक्ष वर्मा ने कहा- आए दिन प्रशिक्षण के नाम पर शिक्षक भयभित हो गए हैं। दूसरे-तीसरे दिन इसके नाम पर परेशान किया जा रहा है। ब्लॉक से लेकर बीएलओ स्तर तक प्रशिक्षण चल रहे हैं। बीएलओ को जमारेभर की जवाबदारी दे रखी है। अफसर लेटर लिखते हैं कि हमने शिक्षकों को बीएलओ से मुक्त कर दिया है। लेकिन मैं चेतावनी देता हंू कि यह बता कि कितनों कार्यमुक्त किया है।
रामायण गाना बंद करें, शिक्षकों को स्कूल जानें दें
अध्यक्ष ने तल्ख अंदाज में कहा- अफसर आते हैं, जमानेभर की रामायण गाते हैं। यह सब बंद करें। प्रशिक्षण के बजाय शिक्षकों को स्कूलों में जाने दें, बच्चों को पढ़ाने दें। दक्षता उन्नमुलन के नाम पर शिक्षकों को इतना डरा दिया है कि वे रात-रातभर सो नहीं पाते।
जवाबदारों को दी सूचना, जवाब मिला उठाकर ले जाओ
जिलाध्यक्ष ने कहा- शिक्षक की तबीयत बिगडऩे की सूचना जवाबदारों को दी, उन्होंने कहा- उन्हें उठाकर अस्पताल ले जाओ। हमने अपने स्तर पर बीमार शिक्षक को जिला अस्पताल पहुंचाया है। इलाज जारी है।
हिदायत दी है
-शैक्षणिक गुणवत्ता पर शासन का पूरा फोकस है। शिक्षा का स्तर गिर गया है। उसे सुधारने के लिए प्रशिक्षण जरूरी है। शनिवार को डाइट में शिक्षक की तबीयत खराब होने की सूचना शिक्षकों ने ही दी। डाइट प्राचार्य से चर्चा हुई है। आगे से एहतियात बरती जाएगी। मैं लगातार शिक्षक के संपर्क में हंू। -ओपी बनड़े, डीपीसी, खरगोन

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