निमाडख़ेड़ी से सेल्दा प्लांट तक कोयले की आपूर्ति के लिए ३६ किमी का रेलवे ट्रैक बनाया गया है। इसके लिए दो सालों तक लगातार काम चला। एनटीपीसी अधिकारियों के मुताबिक ट्रायल के बाद निर्बाध रूप से कोयले लाने के लिए मालगाड़ी चलती रहेगी। शनिवार को इंजन मालगाड़ी को खींचते हुए सेल्दा पहुंचा। इस दौरान इसकी रफ्तार 20 किमी प्रति घंटा थी। इंजन सहित ट्रेन को देखने के लिए रास्तेभर ग्रामीणों का हुजूम उमड़ा।
सेल्दा प्लांट में बिजली उत्पादन के लिए दो इकाइयों बनकर तैयार हो चुकी है। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्लांट से 1320 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा। इसके लिए झारखंड सहित अन्य स्थानों से कोयला ट्रेन के माध्यम से पहले खंडवा (निमाडख़ेड़ी) और फिर सेल्दा तक पहुंचेगा।