63 वर्षों से अनूठी तपस्या सुंदरधाम आश्रम डेहरिया की परम्परा ब्रह्मलीन संत सुन्दरदास महाराज के समय से चली आ रही है। स्वयं ब्रह्मलीन संत सुन्दरदास महाराज ने यह तप 63 वर्षो तक किया था । वर्तमान में गादी पति महंत बालकदास महाराज द्वारा यह कठोर कोठ खप्पर तप 41 वर्षो से निरंतर करते आ रहे हैं ।
चार महीने तप यह तप बसंत पंचमी से प्रारंभ होकर गंगा दशमी तक चार माह तक चलता है । पश्च्यात गंगा दशहरे पर विष्णु महायज्ञ की पूर्ण आहुति के साथ समापन होता है। तप का उद्देश्य विश्व में सुख शांति समृद्धि बनी रहने का है । कायक्रम में प्रमुख रूप से आश्रम से जुड़े भक्त पूर्व नपा अध्यक्ष प्रीति अनिल रॉय, राजेश राठौर सहित भारी संख्या में भक्तगण मौजूद थे।