नेत्रदान महादान। यह वाक्य वाकई में बढ़ा प्रभावशील है। इससे बड़ा कोई दान नहीं हो सकता। नेत्रदान का ऐसा ही सपना भोकले कॉलोनी खरगोन निवासी मोहिनी देवी चावला का भी पूरा हुआ है। दरअसल जीवित रहते मोहिनी देवी ने नेत्रदान का संकल्प लिया था। शुक्रवार को उनका निधन हुआ। इसके बाद बेटे अनिल चावला ने मां की इच्छा पूरी की और नेत्रदान किए। अनिल ने कहा- मां शारीरिक रूप से हमारे बीच भले ही नहीं हो लेकिन उनकी आंखें जरूरतमंद के लिए रोशनी देगी।
नेत्रदान की यह प्रक्रिया शुक्रवार को खुशहाली सेवा संस्थान, खरगोन तथा मुस्कान ग्रुप इंदौर सांदीपन आर्य के माध्यम से पूरी की गई। नेत्रदान के समय परिवार के साथ संस्था अध्यक्ष डॉ. श्वेता चौधरी, उपाध्यक्ष रमाकांति पटेल, व समाजसेवी राजू चावला मौजूद थे।
जिला चिकित्सालय के नेत्र विभाग के डॉ. उदयसिंह राठौर निवास स्थल पर पहुंचे। यहां मोहनी देवी चावला के शरीर से नेत्रों को निकाल कर सुरक्षित रखा गया है। मोहनी देवी चावला का अंतिम संस्कार शनिवार को सुबह मुक्तिधाम पर किया गया।
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तीन सालों में 167 लोगों ने कराया है पंजीयन
खुशहाली सेवा संस्थान की अध्यक्ष श्वेता चौधरी ने बताया समाज के लिए ऐसी पहल अनुकरणीय है। संस्थान द्वारा 3 वर्षों से देहदान, नेत्रदान जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अभी तक 167 पंजीयन कराए जा चुके हैं। संस्था के माध्यम से यह पहला नेत्रदान हुआ है।