बाजार में निजी विक्रेताओं द्वारा मनमाने दाम पर बीज बेचा जा रहा है। लगभग 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक के भाव में बीज बिक्री की जा रही है। हालांकि कृषि विभाग का दावा है कि जिले की बीज उत्पादक समितियों और निजी दुकानों पर 80 हजार क्विंटल सोयाबीन बीज का स्टॉक है, लेकिन यह भी एक जून तक यह सोसाटियों तक नहीं पहुंच पाया है। ऐसे में मजबूर होकर किसानों को निजी दुकानों का रूख करना पड़ रहा है। जहां उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर अधिक दाम लिए जा रहे हैं।
जिले से महाराष्ट्र भेजा बीज, यहां संकट: पिछले साल भी सोयाबीन बीज का संकट होने से किसानों को भारी परेशाना होना पड़ा। जबकि जिले की बीज उत्पादक समितियों के माध्यम से तैयार बीज बड़ी मात्रा में महाराष्ट्र बेचा गया था। हाल ही में भीकनगांव की बीज उत्पादक संस्था सिद्धी विनायक एग्रो सीड्स का माल टैक्स चोरी करने की नियत से महाराष्ट्र भेजा गया था। जो खंडवा में पकड़ा गया। इस संबंध में भाकिसं के संभागीय अध्यक्ष श्याम पंवार, महामंत्री कमलेश पाटीदार, दिनेश कुशवाह आदि का कहना है कि बीज की कालाबाजरी को रोकने के लिए कृषि विभाग को समय रहते सख्त कदम उठाना चाहिए।
चार वैरायटी का बीज, सब के दाम अलग
पत्रिका ने बुधवार को अलग-अलग दुकानों पर पहुंचकर जानकारी ली। वर्तमान में बाजार में सोयाबीन की अलग-अलग वैरायटी के बीज उपलब्ध तो हैं, लेकिन इसके रेट कंपनियों के हिसाब से तय है। जेएस 335 वैरायटी के सोयाबीन बीज के 30 किलो बैग की कीमत 3000, 2034 की कीमत 3300, 9305 के रेट 3400 और 2001/4 बीज 3400 रुपए के भाव में मिल रहा है। इसी तरह केडीएस-726 वैरायटी का रेट 3800 रुपए (प्रति 25 किलो बैग) है।
खरीफ सीजन में प्रस्तावित रकबा
उपज गत वर्ष लक्ष्य
कपास 190500 200000
सोयाबीन 68288 70000
मक्का 80570 81000
अरहर 4850 5000
ज्वार 3143 3500
मूंग 1395 1500
मूंगफली 1181 1200
उड़द 600 600
बाजरा 160 150
आंकड़े कृषि विभाग के अनुसार हेक्टेयर में।
चार लाख 16 हजार हेक्टेयर में बोवनी
जिले में इस बार चार लाख 16 हजार हेक्टेयर में खरीफ सीजन में बोवनी होना है। इसमें सबसे अधिक रकबा दो लाख हेक्टेयर कॉटन का होने का अनुमान है। एक जून तक जिले में 60 से 65 हजार हे.के बीच कपास की बोवनी हो चुकी है।
&सोसायटियों में इस बार सोयाबीन का बीज अभी तक नहीं आया है। पिछले साल भी जिले से बीज महाराष्ट्र भेजा और यहां किसानों को महंगे दामों पर खरीदना पड़ा। बीज के रेट जल्द घोषित होना चाहिए।
श्याम पंवार, संभागीय अध्यक्ष भाकिसं