खुले में पड़ा है कचरा
स्थान : बिस्टान रोड स्थित ऋशिका नगर
परेशानी : यहां कचरे का ढेर लगा है। रहवासियों का कहना है चार-पांच दिनों तक कचरा नहीं उठता। हवा में पन्नियां उड़ती रहती है।
नालियां चोक, बदबू से लोग परेशान
स्थान : अंजुमन नगर।
परेशानी : यहां नालियां चोक है। घरों से निकला गंदा पानी एकत्रित हो रहा है। बदबूदार पानी से रहवासी खासे परेशान हो रहे हैं।
खुले में शोच, फैली है गंदगी
स्थान : कुंदा नदी किनारा।
परेशानी : पुराने पुल एरिये से लेकर मुक्तिधाम के पीछे स्टापडेम काजवे तक कुंदा नदी के किनारे दुषित है। लोग खुले में शौच कर रहे हैं।
इन बिंदुओं के इतने अंक निर्धारित
कुल अंक – 4000
सेवा स्तर प्रगति – 1400 अंक
प्रत्यक्ष अवलोकन – 1200 अंक
नागरिक प्रतिक्रिया-स्वच्छता एप – 1400 अंक
शहर के साथ ही 26 फरवरी को भीकनगांव में भी सर्वेंक्षण टीम आएगी। सर्वें कंसल्टेंट से मिली जानकारी के अनुसार इसके पहले 22 फरवरी गुरुवार को दिल्ली की टीम सनावद नगरपालिका क्षेत्र में फाइनल सर्वे करेगी।
शहर को साफ रखने में नगरपालिका को जनता के सहयोग की आवश्यकता है। नपा ने स्वच्छता सर्वेक्षण में अधिक से अधिक अंक प्राप्त करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है, लेकिन बिना जनता के सहयोग से यह संभव नहीं होगा। सफाई के लिए नपा ने जगह-जगह कूड़ेदान रखे हैं। लेकिन इसके बाद भी कई जगह कूड
़े के ढेर लगे हैं। कुछ लोग कूड़ेदान होने के बाद भी सड़क पर कूड़ा फेंक रहे हैं।
कॉलोनियों, बस्तियों, पुराना शहर, अव्यवस्थित और व्यवस्थित बसा क्षेत्र साफ है या नहीं?
महिला, पब्लिक और कम्युनिटी टॉयलेट, क्या इन्हें बच्चे भी इस्तेमाल कर सकते हैं?
टॉयलेट की सफाई के साथ रोशनदान, जलप्रदाय, लाइट के इंतजाम।
टॉयलेट एरिया में ड्रेनेज सिस्टम।
टॉयलेट में स्वच्छ भारत मिशन के संदेश वाले होर्डिंग, बैनर, वॉल पेंटिंग।
मार्केट में सफाई व्यवस्था।
सब्जी, फल, मीट या फिश मार्केट में साइट कंपोस्टिंग, वेस्ट ट्रांसफर, स्टेशन और प्राइमरी वेस्ट कलेक्शन सेंटर की जानकारी।
सफाई को लेकर लगे साइन बोर्ड।
बस स्टैंड पर सफाई व्यवस्था।
कहीं खुले में शौच तो नहीं की जा रही है?
शहर में लगे डस्टबीन के बारे में जानकारी और उसके इस्तेमाल को लेकर जागरूकता।
इन सवालों पर टीम मांगेगी जवाब
क्या आपको यह जानकारी है कि आपका शहर स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में हिस्सा ले रहा है?
आपका क्षेत्र क्या पिछले साल की अपेक्षा ज्यादा साफ है?
क्या इस साल आपने व्यावसायिक क्षेत्रों में लगे लिटरबिन का उपयोग शुरू किया है?
क्या आप इस साल पृथकीकृत (गीला-सूखा) घर-घर कचरा संग्रहण से संतुष्ट हैं?
क्या पिछले साल की अपेक्षा मूत्रालय-शौचालय की व्यवस्था बढ़ी है जिसके कारण लोगों ने खुले में पेशाब और शौच करना बंद किया है?
क्या सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालय पहले की अपेक्षा ज्यादा साफ हैं और उन तक पहुंचना आसान है?