scriptजो संस्था उत्कृष्ट कार्यों के लिए मप्र में रही अव्वल, वहां के अध्यक्ष व प्रबंधक ने किया करोड़ों का घोटाला | The organization which topped in MP for excellent work | Patrika News

जो संस्था उत्कृष्ट कार्यों के लिए मप्र में रही अव्वल, वहां के अध्यक्ष व प्रबंधक ने किया करोड़ों का घोटाला

locationखरगोनPublished: Jul 21, 2021 06:44:27 pm

Submitted by:

Gopal Joshi

धोखाधड़ीजिला उपभोक्ता भंडार की बेशकीमती दुकानों को नियम विरुद्ध बेचा, खुद की जेब भरी पूर्व अध्यक्ष पुलिस हिरासत में प्रबंधक फरार

The organization which topped in MP for excellent work

खरगोन. इन दुकानों को बिना नीलामी के बेचा गया था।

खरगोन.
सैया भये कोतवाल फिर डर काहे का। यह कहावत खरगोन में एक बार फिर सार्थक हो गई है। यहां जिन हाथों में जिला उपभोक्ता भंडार की बागडोर थी उस अध्यक्ष व प्रबंधक ने ही करोड़ों रुपए का घोटाला कर दिया। दरअसल मामला वर्ष २०१७ का है। जिला उपभोक्ता भंडार की 16 दुकानों को बगैर नीलामी के अपने चहेते लोगों को उस समय के अध्यक्ष रहे कन्हैयालाल महाजन व प्रबंधक पुरुषोत्तम जोशी ने बेच दी। फरवरी २०२१ में मामले की शिकायत हुई और पुलिस ने छह माह की जांच के बाद पूर्व अध्यक्ष महाजन को धरदबौचा। धारा 420 के तहत केस दर्ज हुआ है। पूर्व अध्यक्ष को न्यायालय में पेश कर दो दिन की पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है। फरार पूर्व प्रबंधक की खोजबीन की जा रही है। यह वहीं संस्था है जिसे वर्ष 2005 में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए प्रशंसा मिली थी।
टीआई प्रकाश वास्कले ने बताया कि उक्त मामले की शिकायत जनवरी २०२१ को जिला उपभोक्ता सहकारी भंडार मर्यादित खरगोन के प्रशासक काशीराम आवास्या ने की थी। पुलिस की पड़ताल में अब तक यह सामने आया है कि धोखाधड़ी हुई है। करीब पौने तीन करोड़ का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसके आधार पर पुलिस ने मंगलवार को अध्यक्ष महाजन को गिरफ्तार कर लिया है। उसे न्यायालय में पेश भी किया। प्रबंधक जोशी अभी फरार है। उसकी तलाश की जा रही है।
2005 में यह संस्था हो चूकि है पुरस्कृत
उल्लेखनीय है कि उक्त संस्था २००५ में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित भी हो चुकी है। सहकारिता शताब्दी वर्ष समारोह में २२ मार्च २००५ को तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और वित्त मंत्री राघव ने यह पुरस्कार दिया था। हालांकि उस दौर में भंडार के अध्यक्ष की बागडोर मनमोहनसिंह चावला के हाथों में थी और प्रबंधक जहानसिंह वर्मा थे। चावला के कार्यकाल में संस्थान को नित नई ऊंचाइयां मिली वहीं अध्यक्ष, प्रबंधक बदलते ही संस्थान पर यह पलिता लग गया।
दो दिन की मिली पुलिस रिमांड
-अध्यक्ष महाजन को न्यायालय में पेश किया। यहां से दो दिन की पुलिस रिमांड मिली है। पूछताछ की जाएगी। फरार प्रबंधक की तलाश भी जारी है। -प्रकाश वास्कले, टीआई खरगोन
खरगोन. वर्ष 2005 में इसी संस्था को मिला है उत्कृष्ट सेवाओं का पुरस्कार।
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