तभी गाड़ी आगे पीछे करने के दौरान मंडी के चार पांच हिम्मल आए और विमलचंद से वाद-विवाद करने लगे वही इस दौरान हिम्मलो ने किसान के साथ हाथापाई कर झूमाझटकी करने लगे। किसान के पास रखे 50 हजार रुपए की राशि जमीन पर फैल गई। वहां पर मौजूद अन्य किसानों ने पैसे एकत्र कर किसान विमलचंद को वापस दिए। किसान ने जब पैसे की गिने तो उसमें 41 हजार रुपए कम मिले। साथ ही मंडी के कर्मचारी सेवकराम के साथ भी हिम्मलों ने वाद-विवाद कर झूमाझटकी करते हुए हाथापाई करने का प्रयास किया।
जिसमें मंडी कर्मचारी को अन्य किसानों ने वहां पर बीचबचाव कर हिम्मलों से बचाया। वहीं किसानों ने आरोप लगाया कि मारपीट करने वाले हिम्माल सुबह से ही शराब पिए हुए थे। और शराब के नशे में उन्होंने विवाद विवाद करते हुए हाथापाई की। इसके बाद किसानों ने मंडी सचिव को आवेदन देकर किसानों को कार्य से बंद करने की मांग की। वहीं किसानों ने हंगामे के कारण मंडी के दोनों गेट बंद कर दिए। जिसके कारण मंडी के दोनों ओर वाहनों की लंबी लंबी लाइन लग गई। इस दौरान पुलिस ने भी वहां पर किसानों से चर्चा की और किसानों ने मंडी के प्रभारी सचिव को ज्ञापन देकर हिममलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
हंगामे के बाद पहुंचे अधिकारी
किसान के साथ हुई घटना के बाद दोपहर 11 बजे मंडी खुलते ही मंडी के मंडी के भारसाधक अधिकारी तहसीलदार शिवराम कनासे ,नायब तहसीलदार कृष्णा पटेल ,एसआई रजनी समाधिया एसआई गोंदिया सहित अन्य पुलिसकर्मी मंडी पहुंचे। जहां किसानों ने अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। पुलिस द्वारा अपराधियों को ढूंढने की बात का जानकारी किसानों को दी गई। एसआई समाधिया ने कहा कि पुलिस द्वारा उन्हें ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है। वही किसान के हंगामे के कारण मंडी दोपहर 12 बजे बाद खुल पाई। जिससे सुबह से अपनी गाड़ी लेकर अपनी उपज बेचने आए किसान परेशान होते नजर आए। वहीं पुलिस द्वारा दोपहर 2 बजे तक इसमें 3 लोगों को अपनी अभिरक्षा में लिया था।
पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। तीन लोगों को राउंडअप किया है। दो की तलाश की जा रही है। दर्ज प्रकरण के आधार पर पुलिस सख्त कार्रवाई कर अपराधियों को कड़ी सजा दिलवाने का प्रयास करेगी। किसान द्वारा थाने में राशि गायब होने के सबंध में कोई शिकायत नहीं दर्ज करवाई।
एमआर रोमडे, टीआई सनावद