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खरगोन

आखिर विक्षिप्त महिला को ढूंढने में तीन विभाग क्यों हो रहे परेशान, मानवता क्यों हुई तार-तार, जानने के लिए पढि़ए यह खबर

यह तो गलत है…विक्षिप्त महिला के साथ पहले की बदसलूखी, कमिश्नर तक पहुंचा मामला तो मचा हड़कंप, अब महिला को ढूंढने में लगे है तीन विभाग, नहीं मिल रहीमहिला के साथ हुई बदसलूखी मामले में प्रशासन बेकफुट पर, महिला की तलाश करने में जुटाई पुलिस, नपा की टीम, नहीं मिली-कलेक्टर ने कहा- ढूंढकर लाओ महिला को, प्राथमिक उपचार कर इंदौर रेफर करो, अच्छे कपड़े पहनाकर भोजन कराओ

खरगोनFeb 20, 2021 / 08:44 pm

Gopal Joshi

this is so wrong...

खरगोन. मोबाइल में फोटो दिखाकर लोगों से महिला के बारे में पूछताछ करता पुलिस जवान।

खरगोन.
जिला अस्पताल परिसर में दो दिन पहले एक विक्षिप्त महिला को सुरक्षा गार्ड ने घसिटकर बाहर किया। मानवता को तार-तार करने वाले इस वाकये ने जिला प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है। बात कमिश्नर तक पहुंची तो वहां से भी फटकार मिली। अब प्रशासन उस विक्षिप्त महिला का ट्रीटमेंट कराने के लिए बीते दो दिनों से शहर में ढूंढ रहा है, लेकिन वह नहीं मिल रही। आखिर क्या है पूरा वाकया आइए जानते हैं।
यह था घटनाक्रम
दो दिन पूर्व जिला अस्पताल में विक्षिप्त महिला के साथ सुरक्षागार्ड द्वारा बदसलूखी का मामला अब प्रशासन के लिए गले की हड्डी बनता जा रहा है। शनिवार को जिला प्रशासन ने पूरे मामले को लेकर प्रेसनोट जारी किया। खुद को बचाने की कवायद लिखी। उधर, घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर अनुग्रहा पी. ने महिला को ढूंढने, उसका ट्रीटमेंट कर इंदौर रेफर करने के निर्देश दिए हैं। महिला की खोजबीन में पुलिस जवान, नगरपालिका की टीम दो दिन से माथापच्ची कर रही है, लेकिन महिला नहीं मिल रही।
जानकारी के मुताबिक 18 फरवरी की शाम करीब 4.30 बजे जिला अस्पताल परिसर के कोविड वार्ड, फीवर क्लिनिक व अन्य स्थानों पर एक विक्षिप्त महिला देखी गई। कुछ देर बात वहां के सुरक्षा गार्ड द्वारा महिला को खींचकर ले जाते हुए एक फोटो सामने आई। इसे लेकर जिला अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठे। मामले में सिविल सर्जन डॉ. दिव्येश वर्मा ने सफाई देते हुए कहा उस महिला ने कई मरीजों के परिजनों पर पत्थर फैंकते हुए अपशब्द कहे गए। इसके बाद डॉ. एजाज शेख ने सुरक्षा कर्मी अजय वानखेड़े को महिला को अस्पताल के बाहर करने को कहा। अजय महिला को बाहर तो ले गया लेकिन उसका तरीका ठीक नहीं था। वह उसे घसीटते हुए बाहर तक ले गया। फोटो में भी कुछ ऐसे ही दृश्य दिखे। उधर, खींचतान की बात पर गार्ड ने कहा सामने से एंबुलेंस आ रही थी। कुछ सोचने, समझने का अवसर नहीं मिला। बैठी हुई महिला को उठाने के प्रयास व जल्दबाजी में दूर करने लगा। इस दौरान उठाते हुए ऐसा लगा कि महिला को घसीटा जा रहा हैं। तभी फोटो क्लिक हुआ है। मैंने महिला को नहीं घसीटा है।
ढंूढे नहीं मिली महिला
कलेक्टर अनुग्रहा पी ने इस मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉ. दिव्येश वर्मा सहित टीआई प्रकाश वास्कले व नगर पालिका को निर्देश दिए कि उस महिला को तलाश कर भोजन कराएं। सलीकेदार कपड़े पहनाए। प्राथमिक उपचार के बाद इंदौर रेफर करें। कलेक्टर के फरमान पर पुलिस, नपा टीम व अस्पताल प्रबंधन महिला को बीते दो दिनों से ढंूढ रहा है। लेकिन वह नहीं मिली।
सिक्युरिटी सर्विसेस को लिखा पत्र
आगे ऐसी घटना न हो, इसके लिए सिविल सर्जन डॉ. वर्मा ने आउटसोर्स कंपनी मेसर्स रियल सिक्यूरिटी सर्विसेस इंदौर को पत्र लिखा। इसमें लिखा है कि जिला अस्पताल या अन्य शासकीय स्थानों पर नियुक्त किए जाने वाले गार्ड बेहतर सोच.समझ वाले हो। ऐसे गार्ड को प्राथमिकता के तौर पर नियुक्त करें, जो सामाजिक दृष्टिकोण रखते हुए जनमानस की भावनाओं की कद्र करें। जिला अस्पताल में भी अन्य गार्ड को जिला अस्पताल में तैनात करने की बात लिखी है।

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