कोतवाली पहुंचे अबरार खान निवासी भाटवाड़ी मोहल्ला ने बताया वे वेल्डिंग का काम करते थे। उन्होंने करीब 2 साल तक 50 रुपए रोजाना एजेंट के मार्फत जमा कराए थे। 2 साल बाद उन्हें 52 हजार 245 रुपए मिलना थे। इसी तरह साड़ी दुकान संचालित करने वाले इसाजी ने बताया उन्होंने 200 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से कलेक्शन एजेंट को करीब 80 हजार रुपए जमा कराए। मुबारिक खान, शेख इकबाल, अशोक राठौड़ ने बताया वे भी मजदूरी करते थे। अफसाना बी ने बताया उन्होंने दो बेटियों की शादी के लिए उनके नाम से अलग-अलग 30-30 हजार रुपए जमा कराए। ग्राहकों का कहना है कि कंपनी में मेहनत की कमाई लगाने के बाद अब भी रुपये वापस लेने को इधर-उधर भटक रहे हैं।
ग्राहकों ने बताया उनहें संस्था में रोजाना एवं मासिक बचत राशि जमा करने पर तीन साल बाद डेढ़ गुना राशि देने का लालच देकर जोड़ा गया था। अब समय अवधि पूरी होने के बाद से संस्था से मिले रसीद को दिखाते उपभोक्ता राशि पाने के लिए परेशान हो रहे है। पुलिस में शिकायत के बाद भी लंबे समय से राशि वापस मिलने का इंतजार कर रहे उपभोक्ताओं में अब मायूसी के साथ ही राशि डूबने का डर सताने लगा है।
ग्राहकों ने बताया करीब 3 साल तक लगातार रुपए जमा कराने के बाद संस्था के कार्यालय पहुंचे तो यहां मौजूद मैंनेजर निसार खान व सहायक मैंनेजर ताहिर एहमद ने कहा- एक दो दिन में राशि मिल जाएगी। इसके बाद वे लगातार झांसे देते रहे। इसके बाद वे सितंबर में फरार हो गए। बैंक में मौजूद कर्मचारी अजय व इफर शेख ने बताया मैंनेजर दिल्ली रुपए लेने गए हैं। कई दिनों से राशि की मांग की जा रही थी। राशि नहीं मिली तो मैंनेजर दिल्ली गए हैं। इसके बाद पुलिस को सूचना दी और 5 सितंबर को कार्यालय सील कर दिया गया है।
कुछ दिनों पहले प्रायवेट लिमिटेड (बैंक) द्वारा ग्राहकों से धोखाधड़ी करने का शिकायती आवेदन मिला था। इसके आधार पर जांच की गई थी। इस मामले में शिकायत सही पाई गई। संबंधित कंपनी संचालकों के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन का मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय प्रबंधक कमेटी के साथ ही संचालकों की जानकारी जुटाई जा रही है। ललित सिंह डागुर, थाना प्रभारी खरगोन।