रोजाना पहुंचा रहे सब्जी
उपद्रव के बाद कफ्र्यू का दंश झेल रहे शहरवासियों तक ताजी सब्जियां पहुंचाने का काम भी किसान कर रहे हैं। अभी शहर में नागझिरी के अलावा गाढ़ाघाट, मोघन, बलगांव, मेनगांव-पिपराटा आदि जगह से सब्जियां आ रही है। रोजाना 4 से 6 टन सब्जी की खपत हुई है।
उपद्रव के बाद कफ्र्यू का दंश झेल रहे शहरवासियों तक ताजी सब्जियां पहुंचाने का काम भी किसान कर रहे हैं। अभी शहर में नागझिरी के अलावा गाढ़ाघाट, मोघन, बलगांव, मेनगांव-पिपराटा आदि जगह से सब्जियां आ रही है। रोजाना 4 से 6 टन सब्जी की खपत हुई है।
और इधर, लोडिंग वाहनों का कामकाज ठप्प
शहर बीते दस दिनों से कफ्र्यू के दायरे में है। ऐसे में ग्रामीणों इलाकों से आने वाले लोडिंग वाहन चालकों का कामकाज भी ठप्प है। दस दिनों से वाहन खड़े हैं। लोडिंग रिक्शा चालक शिवराम कुशवाह, कमलेश यादव, शक्ति कुशवाह, दीपक यादव आदि ने बताया कि रोजाना १२०० से १५०० रुपए का भाड लेकर शहर जाते थे, लेकिन दस दिनों से घर पर है। इससे आर्थिक नुकसान हो रहा है।
शहर बीते दस दिनों से कफ्र्यू के दायरे में है। ऐसे में ग्रामीणों इलाकों से आने वाले लोडिंग वाहन चालकों का कामकाज भी ठप्प है। दस दिनों से वाहन खड़े हैं। लोडिंग रिक्शा चालक शिवराम कुशवाह, कमलेश यादव, शक्ति कुशवाह, दीपक यादव आदि ने बताया कि रोजाना १२०० से १५०० रुपए का भाड लेकर शहर जाते थे, लेकिन दस दिनों से घर पर है। इससे आर्थिक नुकसान हो रहा है।
किसानों का नहीं निकल रहा हाथ खर्च, गेहंू, चने नहीं बिके
ग्राम बरसलाय के किसान राधू यादव, मनोहर यादव, जगदीश यादव आदि ने बताया अभी गेहंू और चने की उपज निकली है। कफ्र्यू के कारण मंडी बंद है। बाजार भी बंद है। ऐसे में उपज बेचने में परेशानी हो रही है। नकद फसल से ही घर खर्च चलते हैं। अभी परेशानी हो रही है।
ग्राम बरसलाय के किसान राधू यादव, मनोहर यादव, जगदीश यादव आदि ने बताया अभी गेहंू और चने की उपज निकली है। कफ्र्यू के कारण मंडी बंद है। बाजार भी बंद है। ऐसे में उपज बेचने में परेशानी हो रही है। नकद फसल से ही घर खर्च चलते हैं। अभी परेशानी हो रही है।