ज्ञापन देने पहुंचे शिक्षकों में से सहायक आयुक्त ने दो को अंदर बुलाया। ताकि वे समस्याएं अंदर ही सुन लें। लेकिन कुछ शिक्षक मना कर गए। महिला शिक्षक बोली- साहब को देखा भी नहीं है। बाहर ही आने दो, फेस टू फेस देख लेंगे।
रामकरण यादव ने बताया 10 जुलाई तक वेतन नहीं मिला तो काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करेंगे। 15 जुलाई के बाद काला टी-शर्ट पहनकर स्कूल जाएंगे। 20 जुलाई के बाद ग्रीन बोर्ड को काला कर उस पर बच्चों को पढ़ाएंगे।
शिक्षकों ने बताया जिस दुकान से किराना का सामान लेते हैं वहां शिक्षा विभाग के कई शिक्षक भी सामान लेते हैं। माह की पहली तारीख को उन्होंने हिसाब कर दिया, लेकिन हमने वेतन न मिलने की बात कही तो दुकानदार हमें झूठा बता रहा है। हमारी इज्जत खराब हो रही है।
महिला शिक्षकों ने बताया सुबह बर्तन लेकर दरवाजे पर खड़े रहते हैं, दूध वाले का इंतजार करते हैं, लेकिन दूधवाला कन्नी काटकर दूसरी गली से निकल जाता है। टोकने पर बताता है, फोकट में कब तक दंू। तुम पैसे नहीं दोगी तो भैंस को क्या खिलाऊंगा।
शिक्षकों ने बताया कई साथी ऐसे हैं जिन्होंने बैंक से ऋण लेकर वाहन व मकान बनाए हैं। अब किस्त जमा करने में परेशानी हो रही है। बैंक में हमारी क्रेडिट खराब हो रही है। शिक्षकों ने कहा- जब तक वेतन न मिलते तब तक अग्रणी बैंक को विभाग की ओर से पत्र लिखवा दिया जाए। ताकि हमारी क्रेडिट पर आंच न आए।
शिक्षक घनश्याम पटेल ने सहायक आयुक्त को बताया मैंने सैलेरी स्लीप निकाली। इसमें तीन माह को वेतन भुगतान दर्शाया जा रहा है, जबकि खाते में राशि नहीं आई है। शिक्षकों की समस्याएं सुनकर सहायक आयुक्त ने उन्हें आश्वस्त किया है कि जल्द ही इसका समाधान हो जाएगा। बजट के लिए उच्च अधिकारियों को अवगत कराया है।