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प्रापर्टी होगी लाइव, राशन दुकानों का गड़बड़झाला भी आएगा सामने

locationखरगोनPublished: Nov 14, 2019 12:15:23 pm

Submitted by:

Gopal Joshi

वर्चुअल में बदल रहा मेनुअल कामकाज, ग्राहकों, उपभोक्ताओं के साथ अफसरों को भी राहत

Two advantages of digital functioning ..

खरगोन. एप से आसान होगा प्रापर्टी संबंधी कामकाज।

खरगोन.
यदि आपको कोई प्रापर्टी खरीदनी है तो दस्तावेज पंजीयन कराने वाले पक्षकार, अफसर व सर्विस प्रोवाइडर कहीं से भी उस जमीन की जानकारी, उसकी कीमत, स्लॉट बुकिंग की जानकारी ले सकेंगे।
और यह संभव होगा विभागीय एप से। जमीन की कीमतों में 20 फीसदी की कटौती के बाद अब पंजीयन विभाग अपने कामकाज में पब्लिक व विभाग के हित में कई बदलाव करने जा रहा है। इसके लिए एप तैयार हो रहा है।
एक ही संपत्ति की कई बार बिक्री न हो, इसके लिए आधार हर दस्तावेज से लिंक रहेगा। इसी तरह के 10 से ज्यादा बदलाव बहुत जल्द होंगे। इनको लेकर भोपाल में प्रदेशभर के पंजीयन अफसरों की बैठक भी चुकी है। पंजीयन विभाग का मानना है कि गाइड लाइन में 20 फीसदी कटौती से दस्तावेज पंजीयन बढ़ेगा। अफसरों को अब स्पॉट निरीक्षण भी ज्यादा करने होंगे ताकि चोरी रुक सके।
इस तरह के बदलाव से मिलेगी मदद
सैटेलाइट इमेज : गूगल की मदद से दस्तावेज पंजीयन के एन पहले इमेज ऑनलाइन दिखेगी। इससे यह आसानी से पता चलेगा कि मकान, प्लॉट कहां है। कितने मंजिल का है और उसका एरिया कितना है। ऐसे ही जमीन सिंचित है या असिंचित। इसका पता लगाने में आयुक्त भू.अभिलेख का रिकॉर्ड मदद करेगा।
क्यू मैनेजमेंट : स्लॉट बुकिंग की संख्या अब जिला पंजीयक तय कर सकेंगे। अभी यह काम ऑनलाइन सिस्टम करता है। ऐसे ही क्यू मैनेजमेंट सिस्टम पर भी होमवर्क हो रहा है। इसके अमल में आते ही बैंक की तरह भीड़ के हिसाब से स्लॉट ट्रांसफर होंगे। किस पक्षकार की रजिस्ट्री कौन करेगा, यह डिस्प्ले बोर्ड पर दिखाई देगा।
रिफंड ऑनलाइन : सर्वर में परेशानी या फिर अन्य कारणों से रिफंड के प्रकरण बढ़े हैं। अभी रिफंड के बिल मैन्युअल बनते हैं। इसे जल्द ही ऑनलाइन किया जा रहा है। जो दस्तावेज बैंक में बंधक रहते हैं उनका पूरा काम बैंक ही करेंगे।
सर्च दस्तावेज : पुराने दस्तावेज अभी धूल खा रहे हैं। इन्हें ऑनलाइन करने की प्लानिंग पुरानी है। इसे गति देकर पहले वर्ष 2007 से 2015 तक के रिकॉर्ड को ठेकेदार की मदद से स्केन कराकर ऑनलाइन किया जाएगा।
बदलाव-२
एप से रुकेगी राशन की कालाबाजारी, स्मार्टफोन से पकड़ेंगे पोलपट्टी
-एपीडीएस एप के जरिए राशनकार्ड धारक ले सकेंगे राशन संबंधी जानकारी
खरगोन.
यदि आपको लग रहा है कि किसी राशन दुकान पर गरीबों के हक वाले राशन की कालाबाजारी हो रही है, कहीं कोई गोलमाल है तो अब इसकी शिकायत लेकर ऑफिस-ऑफिस दौडऩे की जरूरत नहीं। स्मार्ट फोन के जरिए अब यह पोलपट्टी आप खुद पकड़ सकते हैं, शिकायत भी कर सकते हैं। दरअसल प्रशासन ने राशनकार्ड धारकों के अनाज की कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए एक एप लांच किया है। इससे आपको आपके राशन बंटने की जानकारी सहित उपभोक्ताओं की स्थिति, का पता चलेगा। इतना ही नहीं अगर किसी परिवार सदस्य का नाम या आधार गलत लिखा है तो उसे बाद में चेंज करा सकते हैं।
जानकारी के अनुसार खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने एपीडीएस एप लांच किया है। इस एप को उपभोक्ता प्ले स्टोर पर जाकर एपीडीएस टाइप करके इंस्टॉल कर सकते हैं। इसके बाद उन्हें वहां मेनू दिखेंगे जिन पर क्लिक करने के बाद राशन वितरण की जानकारियां जुटाई जा सकेंगी। उपभोक्ताओं को राशन दुकान पर रखे राशन, कार्ड से लिए गए राशन आदि की जानकारियां घर बैठे मिलेगी। उल्लेखनीय है कि उपभोक्तों को राशन दुकान से गेहूं, चावल, नमक, शकर मिलती है।
एप के उपयोग से यह होंगे फायदें
-आसपास की उचित मूल्य की दुकान पर राशन की स्थिति पता चलेगी।
-राशन डीलर और उपभोक्ता के बीच पारदर्शिता बढ़ेगी।
-आपके कार्ड का दुरुपयोग किया जा रहा है तो एप के माध्यम से पता लगेगा।
-क्षेत्र में आवंटित हुई राशन की दुकानों की जानकारी मिल सकेगी।
-अपने परिवार के सदस्यों के नाम की जानकारी भी उसे एक क्लिक पर मिलेगी।
-किसी परिवार सदस्य का नाम या आधार गलत लिखा है तो उसे चेंज करवाया जा सकेगा।
स्मार्ट फोन से ऐसे करें एप डाउनलोड
सबसे पहले स्मार्ट फोन में गूगल प्ले स्टोर को ओपन करें। सर्च ऑप्शन में एपीडीएस टाइप करें। एप्लीकेशन इंस्टॉल करें। इंस्टॉलेशन के बाद उसमें विभिन्न मेनू जैसे राशनकार्ड डिटेल्स, फैमिली डिटेल्स, राशनकार्ड स्टेटस, पीओएस, एफपीएस डिटेल्स दिखाई देंगे। इनमें डिटेल्स भरकर जानकारी लें।
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