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यूक्रेन में फंसे खरगोन के होनहार स्टूडेंट, वतन लौटने की आस

locationखरगोनPublished: Feb 25, 2022 10:05:40 pm

युद्ध वहां, चिंता यहां, अपनों की सुरक्षा को लेकर चिंतित परिजन, सरकार से सुरक्षित भारत बुलाने की गुहार

Ukraine War Russian army attacked

यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसे भारतीय

खरगोन.
यूक्रेन में रूसी सेना के हमलावार होने के बाद कई लोगों की जानें जा चुकी है। युद्ध के हालातों के बीच लगातार मिसाइलों से हमला जारी है। वहीं बम के धमाकों की गूंज से हर कोई अशंकित और चिंतित है। युद्ध के खतरे के बीच वहां फंसे भारतीयों को लेकर परिजनों में चिंता यहां है। खरगोन जिले से भी सात होनहार विद्यार्थी पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए हुए और इनदिनों अलग-अलग शहरों में फंसे और अपने वतन लौटने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। जिनकी सुरक्षा को लेकर अभिभावक चिंतत और परेशान हैं। उल्लेखनीय है कि खरगोन, गोगावां, ऊन, बड़वाह और भीकनगांव क्षेत्र के बच्चे एमबीबीएस और अन्य कोर्स की पढ़ाई के लिए के लिए कुछ समय से यूक्रेन में हैं। इसी बीच जंग की शुरुआत होने से सभी बुरी तरह से डरे और घबराए हुए हैं।
युद्ध के हालत, वहां फंसे विद्यार्थियों की जुबानी…

आठ दोस्तों के साथ कमरे में कैद

बेहरामपुर निवासी तुषार्थ यादव एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए यूक्रेन के खारकिव शहर में फंसा है। वह 10 फरवरी को भाई की शादी में शामिल होकर यूक्रेन गया है। तुषार्थ के साथ आठ दोस्त हैं। अपेक्स बैंक खरगोन में कायर्रत पिता बालकृष्ण यादव ने बताया शुक्रवार दोपहर 12 बजे उनकी बात बेटे तुषार्थ से हुई थीं, जो घबराया हुआ था। खारकिव से 50 दूर रूसी सेना ने बम गिराए। जिसकी आवाज सुनकर सभी दोस्त पूरी रात सो नहीं पाए। दिन में रेलवे स्टेशन के पास बंकर में शरण लेना पड़ी। किंतु रात में तापमान 15 से 16 डिग्री होने पर सभी को वापस कमरे पर आना पड़ा। तुषार्थ ने बताया कि हमारे पास खाने-पीने का कुछ दिनों का सामान है। कैसे भी करके अब भारत आना चाहते हैं।
बेटी से वीडियो कॉल पर चर्चा करते हुए भर आई आंखे

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति धरगांव के प्रबंधक दुर्गालाल यादव की बेटी जाह्नवी यादव भी खारकिव में मेडिकल कॉलेज की चतुर्थ वर्ष की पढ़ाई कर रही है। शुक्रवार शाम 5 बजे को जान्हवी की अपनी मां बबीता यादव एवं पापा दुर्गालाल यादव से वीडियो कॉलिंग पर बात हुई। बेटी से बात करते हुए मां की आंखे भर आई। जान्हवी ने हम जिस हॉस्टल में रुके थे उस हॉस्टल को यूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा खाली करवा कर हम सभी विद्यार्थियों को भूमिगत बंकरों में सुरक्षित ठहराया गया है। कुछ समय के लिए मिसाइल हमले की आवाज़ें कम होने पर हमारे द्वारा भूमिगत बंकर से बाहर निकल कर कुछ जरूरी सामान हॉस्टल से लाने के प्रयास किया। उसी समय बंकर के समीप जोर से धमाके की आवाज आई। हम सभी विद्यार्थी डरे सहमे। वापस बंकर में सुरक्षित चले गए। 28 फरवरी को जाह्नवी यादव का भारत आने के लिए फ्लाइट बुकिंग करवा दी गई थी लेकिन यूक्रेन में युद्ध के हालात को देखते हुए जाह्नवी का भारत आना अभी संभव नहीं है। पूर्व सरपंच शंकरलाल पाटीदार, सबल सिंह पटेल, भगवान पाटीदार, शाखा प्रबंधक दीपक अग्रवाल द्वारा जाह्नवी यादव के सुरक्षित भारत आने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

एक साथ कई विद्यार्थी शिफ्ट, भारत लौटने का इंतजार
यूक्रेन की राजधानी में कीव में बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं। इनमें खरगोन की मनीषा धकेता भी शामिल हैं। छात्रा यहां एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। मनीषा ने बताया कि युद्ध का आगाज होने के बाद यहां इंटलीजेंसी ने सभी को बनकर में शिफ्ट किया। लेकिन एयरपोर्ट तक जाने की इजाजत नहीं मिली। इससे सभी को वापस अपनी-अपनी जगह भेज दिया। फिर मनीषा भी अपने फ्लेट पर चली गई। उसने बताया कि अभी एरिया में किसी तरह की दिक्कत नहीं है। लेकिन सभी भारत लौटना चाहते हैं।

शासन-प्रशासन अलर्ट
इधर, यूक्रेन में फंसे स्थानीय नगारिकों की सुरक्षा को लेकर पुलिस और प्रशासन भी अलर्ट हो गया। सुबह से ही जानकारी जुटाई जा रही है। एसपी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार राजपाल पंवार भीकनगांव, प्रतीक पाटीदार घेगांव ऊन, दक्ष ठाकुर जानकी नगर मनीष रामकरण कुशवाह, मानषी अलोक धकेता खरगोन और हाल मुकाम इंदौर की यूक्रेन में होने की जानकारी मिली है।
सांसद ने ली खबर, जारी किए हेल्पलाइन नंबर

सांसद गजेंद्र सिंह पटेल द्वारा भी विद्यार्थियों से संपर्क कर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि सभी नागरिकों को भारत लाने का प्रयास केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है। मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 9009674585 जारी किया है। सांसद ने कहा कि खरगोन व बड़वानी जिले के सभी बच्चों को सुरक्षित लाने का प्रयास किया जा रहा है।

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