पहाड़ी अंचल में हालत ज्यादा खराब
समस्या भगवानपुरा, सेगांव, चिरिया और आसपास के पहाड़ी क्षेत्रोंं में पानी को लेकर हालत ज्यादा खराब है। जहां दूर-दूर तक पेयजल स्रोत नहीं होने से ग्रामीणों को पानी के लिए परेशान होते देखा जा सकता है। मिलों दूर से महिलाएं व बच्चे सिर पर बोझा ढोकर पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं। चिरिया के गणपत मोरे फलिया में पिछले 15 दिनों से लोग पेयजल के लिए परेशानी उठा रहे हैं। महिलाओं ने जनसमस्या निवारण शिविर में भी अफसरों को परेशानी से अवगत कराया था।
समस्या भगवानपुरा, सेगांव, चिरिया और आसपास के पहाड़ी क्षेत्रोंं में पानी को लेकर हालत ज्यादा खराब है। जहां दूर-दूर तक पेयजल स्रोत नहीं होने से ग्रामीणों को पानी के लिए परेशान होते देखा जा सकता है। मिलों दूर से महिलाएं व बच्चे सिर पर बोझा ढोकर पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं। चिरिया के गणपत मोरे फलिया में पिछले 15 दिनों से लोग पेयजल के लिए परेशानी उठा रहे हैं। महिलाओं ने जनसमस्या निवारण शिविर में भी अफसरों को परेशानी से अवगत कराया था।
डेढ़ से दो किमी दूर से लाना पड़ता है पानी
सातपाटी, उमरिया, पलासकूट, रायटेमरी, देवनलिया आदि गांवों में गर्मी के शुरुआत में ही पेयजल संकट से ग्रामीण परेशान है। आगामी दिनों में यह स्थित हो जाती है कि ग्रामीणों को नालों में झिरी खोदकर पेयजल पूर्ति करना पड़ती है। झिरन्याए भगवानपुरा, सेगांव व भीकनगांव के कुछ हिस्सों में पानी की समस्या अधिक है। मार्च के शुरुआती दिनों में जलस्तर तीन से चार मीटर तक नीचे चला गया है।
सातपाटी, उमरिया, पलासकूट, रायटेमरी, देवनलिया आदि गांवों में गर्मी के शुरुआत में ही पेयजल संकट से ग्रामीण परेशान है। आगामी दिनों में यह स्थित हो जाती है कि ग्रामीणों को नालों में झिरी खोदकर पेयजल पूर्ति करना पड़ती है। झिरन्याए भगवानपुरा, सेगांव व भीकनगांव के कुछ हिस्सों में पानी की समस्या अधिक है। मार्च के शुरुआती दिनों में जलस्तर तीन से चार मीटर तक नीचे चला गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में ये है हालत
कई गांवों में एक कुएं पर पूरा गांव आश्रित है। नल जल योजनाओं के साथ ही हैंडपंप भी दम तोड़ रहे है। जिसमें झिरन्या और सेगांव में 60, भगवानपुरा में 57 हैंडपंप बंद है। सेगांव में जलस्तर गिरने से 15, भगवानपुरा में 11 और झिरन्या में 23 और बड़वाह में 39 में से 37 हैंडपंप पानी की कमी के कारण बंद है।
कई गांवों में एक कुएं पर पूरा गांव आश्रित है। नल जल योजनाओं के साथ ही हैंडपंप भी दम तोड़ रहे है। जिसमें झिरन्या और सेगांव में 60, भगवानपुरा में 57 हैंडपंप बंद है। सेगांव में जलस्तर गिरने से 15, भगवानपुरा में 11 और झिरन्या में 23 और बड़वाह में 39 में से 37 हैंडपंप पानी की कमी के कारण बंद है।
कंट्रोम रूम बनाए
पेयजल समस्या से निपटने के लिए विभाग स्तर पर कंट्रोल रुम भी तैयार किए गए है। जहां समस्या अधिक है, वहां वैकल्पिक स्रोत तलाश कर पानी मुहैया कराया जाएगा।
जितेंद्र मावी, कार्यपालन यंत्री पीएचई खरगोन
पेयजल समस्या से निपटने के लिए विभाग स्तर पर कंट्रोल रुम भी तैयार किए गए है। जहां समस्या अधिक है, वहां वैकल्पिक स्रोत तलाश कर पानी मुहैया कराया जाएगा।
जितेंद्र मावी, कार्यपालन यंत्री पीएचई खरगोन