इसी तारत्मय में थाना परिसर में बच्चों एवं महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक चंद्रकिरण सिरोले की उपस्थिति में थाना प्रभारी संजय द्विवेदी द्वारा परिचर्चा की गई । परिचर्चा के दौरान थाना प्रभारी द्वारा बच्चों एवं महिलाओं के साथ किन स्थानों पर किस तरह से, किन लोगों द्वारा हिंसा की संभावना रहती है एवं उनके उन्मूलन के लिए क्या सुरक्षात्मक उपाय किए जा सकते हंै । इस विषय पर विस्तृत चर्चा की गई।
चर्चा के दौरान उपस्थित छात्राओं को चाईल्ड हेल्पलाइन, महिला हेल्पलाइन के नंबर बताए गए, उनकी उपयोगिता एवं महत्व के बारे में जानकारी दी गई साथ ही अपने आस-पास बच्चों एवं महिलाओं के साथ हिंसा को देखने पर आगे आकर रोकथाम के लिए 100 डायल या थाने के नंबर का उपयोग करने एवं पुलिस को सूचना देने का संकल्प दिलाया गया। बच्चों व महिलाओं के विरुद्ध हिंसा स्वीकार नहीं है, इसकी रोकथाम संभव है। हर बच्चे व महिला को गरिमा पूर्व व हिंसा मुक्त जीवन जीने के अधिकार ह। बचपन में घटित हिंसा बच्चों के मानसिक, भावनात्मक व शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जिससे की पूरे जीवन को प्रभावित कर सकता है। हर व्यक्ति को बच्चों के विरुद्ध हिंसा को खत्म करने का संकल्प लेना चाहिए। छात्राओं से निबंध लेखन कराए गए । जिसमें छात्राओं ने हिंसा के कारणों एवं उनकी रोकथाम के संबंध में अपने सारगर्भित विचार लेख लिखें।