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मप्र के इस जिले में एक दंपती कभी नहीं उठाए तगाड़ी फावड़े, फिर भी खाते में डल गई मजदूरी

locationखरगोनPublished: Jun 16, 2021 07:51:17 pm

Submitted by:

Gopal Joshi

अजब-गजब व्यवस्था..मजदूरी पर एक दिन नहीं गए और दंपती के खाते में आ गई मनरेगा की राशि-देवली के दशरथ राठौड़ ने राशि लौटाने के लिए जिला पंचायत में दिया आवेदन, बोले- मैंने काम ही नहीं किया तो मजदूरी किस बात की लंू-दोनों के खातों में डले 1930 रुपए, एक का खाता एक्सीस बैंक में दूसरे का बैंक ऑफ बड़ौदा में

Wonderful arrangement

खरगोन. खाते में डली राशि को लौटाने के लिए दशरथ राठौड़ ने दिया आवेदन।

खरगोन.
वैसे तो मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूर अक्सर मजदूरी की राशि के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाते हैं। लेकिन यदि यह कहा जाए कि आपको बिना काम किए ही मजदूरी मिल जाएगी वह भी सीधे आपके बैंक खाते में तो इससे बड़ी गफलत और क्या हो सकती है। कुछ ऐसा ही कारनामा हुआ है खरगोन जिले के ग्राम देवली में। यहां एक दंपती के खाते में बिना मजदूरी किए ही १९३० रुपए डले हैं। ९६५-९६५ रुपए अलग-अलग खातों में ट्रासफर किए गए हैं। इस बात का खुलासा तब हुआ जब खाता धारक खुद आवेदन लेकर जिला मुख्यालय पहुंचा और इस राशि को लेने पर आपत्ति जताई। मजेदार बात यह है कि जिस दंपती के खाते में यह भुगतान हुआ है उसने मजदूरी के नाम पर इस साल तगाड़ी फावड़े तक नहीं उठाए हैं।
देवली के दशरथ राठौड़ ने बताया वह किसान है। इस साल मजदूरी नहीं की, लेकिन उनके व उनकी पत्नी मालती के खाते में मनरेगा के तहत होने वाली मजदूरी के नाम पर १९३० रुपए डाले गए हैं। यह राशि बैंक ऑफ बड़ौदा और एक्सीस बैंक के खातों में डाली गई है। दशरथ ने बताया जब मैंने काम ही नहीं किया है तो इस राशि पर मेरा क्या अधिकार। दशरथ ने उक्त राशि को शासकीय खातों में पुन: लेने की मांग की और एक आवेदन भी दिया। दंपती ने बताया जब से यह राशि खाते में डली है वह मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। उधर, जिला पंचायत सीईओ गौरव बैनल ने कहा- मामले की जांच करेंगे।

देवली के मजदूरों ने एक दिन पूर्व ही की थी शिकायत
देवली के मजदूरों ने काम न मिलने की शिकायत एक दिन पूर्व ही मुख्यालय पर की थी। मजदूरों का कहना था कि गांव में महज ११ दिन काम हुए हैं। मनरेगा के काम मशीनों से हुए हैं। एक ओर गांव के मजदूर काम न मिलने की शिकायत कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर गांव की ही दंपती के बिना काम किए राशि डलना, गड़बड़झाले की ओर इशारा करता है।

पंचायत स्तर पर हो रही गड़बडिय़ां
जानकारी के मुताबिक पंचायत स्तर पर जॉब कार्डधारियों को मजदूर बताकर राशि निकालने का खेल भी चल रहा है। कई लोग ऐसे हैं जो काम पर जा नहीं रहे लेकिन उनके जॉबकार्ड का उपयोग कर राशि आहरित कर ली जाती है। पूर्व में भी इस तरह का फर्जीवाड़ा हो चुका है।

अफसरों के पास कोई जवाब नहीं
बिना काम किए खातों में राशि ट्रांसफर कैसे हो गई इसका जवाब जिला पंचायत के अफसरों के पास भी नहीं। जवाबदार जांच की बात कह रहे हैं। देवली का मामला सामने आया तो अफसर भी दंग रह गए। राशि कैसे और कहां से डल गई इसकी पड़ताल में जुटे हैं। बुधवार को पोर्टल बंद होने से मामला अपडेट नहीं हो पाया।
इस साल अब तक 39 करोड़ का हुआ भुगतान
जिला पंचायत से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 49542 जॉबकार्ड धारी परिवार है। वर्ष 2021 में 107186 मजदूरों को काम मिला। 1942937 मानव दिवस रहे। 39.16 करोड़ का भुगतान हुआ है।
जांच करेंगे
-राशि का भुगतान कैसे हुआ यह जांच का विषय है। मामला पंचायत लेवल का है पड़ताल करेंगे। गांव में मनरेगा का काम जेसीबी से होने की शिकायत भी मिली थी, इसकी भी जांच कराएंंगे। -श्याम रघुवंशी, परियोजना अधिकारी मनरेगा

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