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आप तक वैक्सीन पहुंचे के लिए दिनरात एक कर रहे कर्मी

locationखरगोनPublished: Jun 08, 2021 11:02:27 am

Submitted by:

harinath dwivedi

संजीवनी…दूर हुआ भ्रम : युवाओं ने तोड़ा मिथक तो तीन दिन में 30 हजार से ज्यादा लोगों को लगा टीका

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States have been given 23 crore vaccine doses so far: Health Ministry

खरगोन. टीकाकरण को लेकर जिले में अचानक तेजी आई है। एक दौर था जब केंद्रों पर कर्मी लोगों की राह देखते। बुलावे पर भी नहीं पहुंचते, लेकिन जब से 18 वर्ष से अधिक उम्र वालों का टीकाकरण शुरू हुआ है केंद्रों पर लोगों का जमावड़ा लगने लगा है। फिलहाल तीन दिनों से रोजाना जिले को 10 हजार का टारगेट मिल रहा है और लक्ष्य की पूर्ति भी हो रही है। अनलॉक की अनिर्वाय शर्तों के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा 30 ऐसी केटगिरी बनाई थी, जो जनता से सीधे संपर्क में आते थे। इनमें किराना, होटल व्यवसायी, दूध, फल, सब्जी विक्रेता सहित अखबार बांटने वाले हॉकर्स भी शामिल थे। एक सप्ताह में साढ़े 11 हजार लोगों ने पहला डोज लिया। केंद्रों तक टीका पहुंचे इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की एक विशेष टीम दिन-रात एक कर रही है। आधी रात तक लोकेशन का इंतजार और तत्काल इंदौर तक दौड़ लगाकर डोज लिए जा रहे हैं। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. संजय भट्ट ने बताया बीते माह तक टीकाकरण में काफी दिक्कतें आ रही थीं, लेकिन अब रफ्तार इतनी तेज हो गई है कि आधे दिन में ही केंद्रों का लक्ष्य पूरा हो रहा है। डॉ. भट्ट ने बताया तीन दिनों में ही मप्र में जिला टीकाकरण के मामले में 27वें स्थान पर आ गया है, जबकि बीते माह रैकिंग में स्थिति पिछड़ी हुई थी। मंगलवार को नियमित टीकाकरण बच्चों के लिए चलेगा। लिहाजा मंगलवार को कहीं भी वैक्सीनेशन नहीं होगा।
यह टीम दिनरात
काम रही काम
जिले में टीकाकरण को सफल बनाने के लिए जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. संजय भट्ट के साथ उनकी टीम के सदस्य अमित गुप्ता, आदित्य चौरे, रत्नेश बांधवकर, अखिलेश गीते, अंतिम कलमे, राहुल चौहान, प्रमोद जोशी आदि दिनरात मेहनत कर रहे हैं। डॉ. भट्ट ने बताया इसके अलावा कलेक्टर अनुग्रहा पी. की मॉनिटरिंग में ही लगातार सुधार हो रहा है। वे अपने स्तर पर भोपाल-इंदौर बात कर वैक्सीनेशन का आसान बनाने में मदद कर रही हैं।
इसकी वजह से बढ़ा टीकाकरण
टूटा भ्रम : टीकाकरण को लेकर शुरुआती दौर में भ्रम था। लोग डरे थे। लेकिन 18 वर्ष से अधिक उम्र्र वालों ने इस मिथक को तोड़ा है। टीका लगवाने के बाद वह अब दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं।
लिया अनुभव : जिन लोगों ने टीका लगवाया, उनके स्वास्थ्य में कोई असर नहीं हुआ। उन्हें देखकर भी लोग प्रभावित हुए और केंद्रों पर जाकर टीकाकरण कराया।
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