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बच्चों की गलतियों को ना करें नजरअंदाज

बच्चों का समझना और उनके व्यवहार में पॉजिटिव बदलाव लाना आपकी जिम्मेदारी है

Apr 17, 2015 / 02:23 pm

दिव्या सिंघल

अक्सर बच्चे अपनी शरारतों से नाक में दम करके रखते हैं, लेकिन परिजन उसे उनकी नादानी मानकर बच्चों को नहीं रोकते हैं। अगर आपको बच्चा अक्सर ऎसा करने लगे और आपका कहना ना मानें तो इस बात को गंभीरता से लें। क्योंकि परिवार ही बच्चे की पहली स्कूल होता है। बच्चों का समझना और उनके व्यवहार में पॉजिटिव बदलाव लाना आपकी जिम्मेदारी है। ऎसे में इन बातों का रखें ख्याल-

क्या नहीं करें

1. बच्चों के व्यवहार से इस बात पर कंफ्यूज न हों कि ये सब वो भोलेपन में कर रहे हैं।
2. उनकी गलतियों पर हंसे नहीं।
3. गलतियों पर उनका बचाव न करें या उसे छिपाएं नहीं।
4. हर बच्चे के लिए अलग-अलग नियम-कायदे नहीं।
5. बच्चों को रिश्वत न दें, दोषारोपण न करें और न ही नीचा दिखाएं।
6. बुरे व्यवहार पर रिवॉर्ड बिल्कुल न दें।

क्या करें
1. बच्चों को बताएं कि किस तरह का व्यवहार मान्य है।
2. हर समय उन्हें इस बात का ध्यान भी करवाती रहें।
3. अच्छे व्यवहार पर आप उनके साथ सकारात्मक तरीके से पेश आएं।
4. उनको सिखाते वक्त अच्छे व्यवहार का क्लू दें। विकल्प पर बात करें।
5. धैर्य के साथ बच्चों से व्यवहार करें।

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