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बच्चों को सिखाइए बड़ों की इज्जत करना

Published: Sep 02, 2016 02:20:00 pm

अगर आप एक बार भी अपने बच्चों को उनके ग्रांडपेरेंट्स से दुव्र्यवहार करते देखें तो चुप न रहें

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आज का समाज कुछ ऐसा हो चला है कि न तो बड़े और न ही बच्चे, बुजुर्गों की इज्जत करते हैं। इसलिए अब समय आ गया है कि समाज में हो चुके इस बड़े नुकसान की भरपाई की जाए और बच्चों का उनका दादा-दादी और नाना-नानी से संबंध सुधारा जाए, क्योंकि यह रिश्ता बहुत ही अहम है।

कभी आंखें न मूंदें

एक पेरेंट होने के नाते यह आपकी जिम्मेदारी है कि अगर आप एक बार भी अपने बच्चों को उनके ग्रांडपेरेंट्स से दुव्र्यवहार करते देखें तो चुप न रहें। यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है और यह भी संभव है कि वे आपसे भी आपके बुढ़ापे में ऐसा ही असम्मानजनक व्यवहार करेंगे। इसलिए आपका पेरेंट्ल मिशन अपने बच्चों और उनके ग्रांडपेरेंट्स के बीच के कम्युनिकेशन गैप भरना होना चाहिए। कभी चीजों का हाथ से निकलने का इंतजार मत कीजिए। बच्चों को समझा दीजिए कि बड़ों की इज्जत करनी ही होगी।

आप खुद कीजिए इज्जत

आपका बच्चों को बड़ों की इज्जत करना सिखाने का प्रयास व्यर्थ जाएगा, अगर आप खुद उनकी इज्जत नहीं करतीं। आप अपने बच्चों की रोल मॉडल है। आप चाहें या न चाहें, वे आपके व्यवहार को देखकर उसे अपने जीवन में उतारते हैं, आपके शब्दों की व्याख्या करते हैं। यदि आप सच में चाहती हैं कि आपके बच्चे बड़े-बुजुर्गों की इज्जत करें तो आप भी उनकी इज्जत करें। इसलिए बच्चों को सिखाने से पहले आपको भी सीखना होगा और उस पर अमल करना होगा।

भावनाओं को व्यक्त करें

भावनाओं को रोकना या फिर एकदम खुलेमन से अपनी भावनाएं व्यक्त करने के बीच का रास्ता पाना थोड़ा मुश्किल है। इसलिए या तो हम अपनी भावनाएं प्रकट ही नहीं करते या फिर जरूरत से ज्यादा प्रकट करते हैं और फिर गलतियां करते हैं। आप या तो बहुत रिजव्र्ड या यहां तक कि शर्मीली हैं तो आपके बच्चों को अपनी भावनाएं व्यक्त करने में परेशानी होगी। यदि आप अपने बच्चे और उनके ग्रांडपेरेंट्स के बीच भावनात्मक बंधन चाहती हैं तो सबसे पहले आपको अपने पेरेंट्स के प्रति अपनी भावनाओं को प्रकट करना सीखना होगा और वो भी बच्चों की उपस्थिति में।

जन्मदिन मनाएं, विश करें…

पेरेंट्स होने के नाते अपने बच्चों को भी ग्रांड पेरेंट्स के जन्मदिन की तैयारियों में शामिल करें। बच्चों की सक्रिय भागीदारी उनके दिन में बुजुर्गों की अहमियत को बढ़ाएगी। छुटपन से बच्चों की आदत ग्रांड पेरेंट्स को विश करने की पड़ जाएगी तो वे थोड़ा बड़ा होने पर खुद ब खुद हर छोटे-बड़े मौके पर विश करेंगे।

परिवार की कहानियां शेयर करें

यह बहुत दुर्भाग्य की बात है कि आज के जमाने के बच्चे अपने ग्रांड पेरेंट्स, ग्रेट ग्रांड पेरेंट्स और परिवार से जुड़ी दूसरी यादों के बारे में कुछ नहीं जाती हैं लेकिन इसका कारण उनके पेरेंट्स हैं। अब आप भी यही गलती न करें। अपने बच्चों को उनके ग्रांड पेरेंट्स के सामने आई चुनौतियों और उससे उबरने की कहानियां सुनाएं। अगर हो सके तो आप उन्हें ये कहानियां तस्वीरों के साथ सुनाएं। कुल मिलाकर बच्चों को यह समझ में आना चाहिए कि बुजुर्गों के प्रति प्रेम की भावना रखना सामान्य है।
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