किशनगंज/इंदौर। बिहार और पश्चिम बंगाल में गरीबी का फायदा उठाते हुए मासूम बच्चों की तस्करी लगातार जारी है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश के इंदौर शहर से करीब 100 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है। सभी बच्चों को बिहार से इंदौर मजदूरी कराने के लिए लाया गया था। यह कार्रवाई जिला प्रशासन द्वारा की गई। बच्चों ने बताया कि उन्हें रोजाना 20 से 25 रुपए के हिसाब से मजदूरी दी जा रही थी।
एसडीएम शालिनी श्रीवास्तव ने श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए 100 से ज्यादा बच्चों और किशोरों को मुक्त करवाया। शहर के मोती तबेला और मिल्लत नगर में बैग बनाने के के कारखानों में बच्चों द्वारा काम करवाया जा रहा था। मिली जानकारी के अनुसार यहां पर कारखानों में 10 से 16 साल तक के बच्चों को मजदूरी करवाने के लिए दूसरे राज्यों से लाया गया था। जब प्रशासन की टीम यहां पहुंची तब बच्चों से अमानवीय हालत में काम करवाया जा रहा था। बच्चे छोटे-छोटे कमरों में काम कर रहे थे।
छोटे-छोटे कमरों में रहने को मजबूर बचपन इन बच्चों को बैग बनाने का काम दिया गया था। छोटे-छोटे कारखानों के कमरों में उन्हें वहीं काम करना पड़ता था और उसी जगह पर रहना सोना पड़ता था। सभी बच्चों के परिवार से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।