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सुरक्षित हो चरागाह, खेल मैदान और शमशान भूमि

locationकिशनगढ़Published: Jul 18, 2019 08:25:09 pm

Submitted by:

kali charan

विधायक टांक ने सदन में तीनों विषयों पर ठोस कानून बनाने की उठाई मांग

Be safe, grassland, sports ground and cremation ground

सुरक्षित हो चरागाह, खेल मैदान और शमशान भूमि

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मदनगंज-किशनगढ़. विधायक सुरेश टांक ने सदन में कहा है कि यदि हमारी यह तीन चीजें नहीं बचेगी तो हम हमारी आने वाली पीढिय़ों का क्या जबाव देंगें। कहां तो पशु चराऐंगे, कहां हमारे बच्चे खेलेंगे और कहां हमारे दाह संस्कार होंगें। इन तीनों विषयों पर गहनता से विचार करने की जरुरत है। एसडीएम या कलक्टर लेवल पर एक ऐसी टीम या टास्क फोर्स बने और ऐसेी कार्य योजना बने की इस तीनों विषयों के संदर्भ में आने वाली शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके और यह जमीनें हर सूरत में बचे। टांक ने सदन में बताया कि सबसे पहले शमशाम भूमि, फिर चरागाह और इसके बाद स्कूल के खेल मैदान पर अतिक्रमण होते है। इन्हें तत्काल रोका जाना चाहिए। विधायक टांक ने उदयपुर का बंधा और पिताम्बर की गाल पर्यटक स्थलों को भी विकसीत किए जाने के लिए योजना बनाने की मांग की। इस प्रकार किशनगढ़़ के सामरिया हाड़ा वन क्षेत्र में लैपर्ड प्राजेक्ट को स्वीकृति किए जाने, किशनगढ़ परिक्षेत्र के चरागाह को सुरक्षित करने के लिए मनरेगा के तहत कर्मचारी लगाए जाए ताकि वह उक्त भूमि पर पौधे लगा कर उनकी देखभाल करें। वन भूमि के सुरक्षा कार्य के लिए वन विभाग को एक चौपहिया वाहन भी मुहैया कराने की मांग की। विधायक टांक ने सदन में बताया कि किशनगढ़ की प्रसिद्ध गुंदोलाव झील अभी दुर्दशा का शिकार हो रही है और झील मेें गंदे नालों पर पानी भी आ रहा है, पाल भी सुरक्षित नहीं है, जबकि झील के चारों तरफ प्राचीन देवीय मंदिर है और पर्यटन की दृष्टि से भी काफी मनोरम क्षेत्र है। इसलिए गुंदोलाव झील को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसीत की जाए।
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