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बाल वाहिनी नियमों की अनदेखी अब पड़ेगी भारी

locationकिशनगढ़Published: Jul 05, 2019 11:17:01 am

Submitted by:

kali charan

परिवहन विभाग बाल वाहिनी वाहनों की लिस्ट तैयार करने में जुटास्कूलों में जाकर वाहनों की जांच करेंगे, कमी पाए जाने पर होगी कार्रवाई

Child Vahini rules will now be ignored heavy

बाल वाहिनी नियमों की अनदेखी अब पड़ेगी भारी

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मदनगंज-किशनगढ़. नगर में संचालित स्कूलों के संस्था प्रधानों और बच्चों को स्कूल व ले जाने वाले वाहन चालकों को अनदेखी अब भारी पड़ जाएगी। परिवहन विभाग की ओर से बाल वाहिनी वाहनो की सूची तैयार की जा रही है। वाहनों की जांच की जाएगी। उसमें कमी पाए जाने पर परमिट आदि रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।
नगर में संचालित स्कूलों में बच्चों को घर से स्कूल लाने और छोडऩे के लिए चौपहिया वाहन चालकों को बाल वाहिनी परमिट लेना होता है। स्कूल संचालकों और वाहन चालकों ने परमिट आदि तो ले रखे है, लेकिन नियमों की परवाह नहीं करते है। इससे बच्चों की जान को खतरा बना रहता है। इसकी रोकथाम के लिए परिवहन विभाग की ओर से बालवाहिनी वाहनों की सूची तैयार करवाई जा रही है। सूची तैयार होने के बाद परिवहन विभाग के इंस्पेक्टर को संबंधित संस्था के और प्राइवेट वाहनों की जांच की जाएगी। उसमें कमी पाए जाने पर उसे पूरा करने के लिए सात दिन का समय दिया जाएगा। इसके बाद दुबारा जांच की जाएगी। इसके बावजूद कमी पूरी नहीं करने वाले बालवाहिनी वाहन को सीज करने और परमिट रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।
बालवाहिनी में लगवाया जा रहा है जीपीएस
डीटीओ कार्यालय के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्र में 119 बालवाहिनी वाहन संचालित है। उक्त वाहनों में जीपीएस लगवाया जा रहा है। जीपीएस लगने से परिजन और संबंधित संस्था प्रधान आदि को उसकी लोकेशन आदि की जानकारी मिलती रहेगी।
यह है नियम
– बालवाहिनी वाहन पीले रंग का होना चाहिए
– वाहन चालक की निर्धारित ड्रेस हो।
– वाहनों में घरेलू गैस का उपयोग ना हो
– स्कूल का नाम, टेलीफोन नबर, चालक का नाम अंकित होना चाहिए।
– बालवाहिनी में फस्र्ट एड बॉक्स हो।
– वाहनों में बच्चों की संया निर्धारित है।
अनदेखी से होती है दुर्घटना
बच्चों को लाने और ले जाने में सर्वाधिक वैन, ऑटो और बसों का उपयोग होता है। वैन और ऑटो चालक लालच के चलते उसमें क्षमता से अधिक बच्चों को बैठा लेते है। वाहनों में घरेलू गैस का उपयोग किया जाता है। इससे दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है।
इनका कहना है…
बालवाहिनी वाहनों की सूची तैयार करवाई जा रही है। अभियान चलाकर उनकी जांच की जाएगी। जांच में कमी पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
– राधेश्याम शर्मा, डीटीओ किशनगढ़
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