पत्रिका न्यूज नेटवर्क मदनगंज-किशनगढ़. बारिश के बाद नगर के मुख्य मार्ग और गली मोहल्लों की नई हो या पुरानी सभी सड़कें इन दिनों पूरी तरह से उधड़ी पड़ी है। सड़कों पर काफी दूर दूर तक कंकरिट फैली हुई है। आम नागरिकों का पैदल चलना तक दुभर हो गया है। जो जिम्मेदार है वो मौन है। ऐसे में काफी संभलने के बाद भी वाहन चालक गिर कर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे है। लेकिन आम नागरिकों की किसी को परवाह नहीं। पुराने बस स्टैण्ड के पास किशनगढ़ की मुख्य सड़क कही जाने वाली अजमेर रोड पर इन दिनों बदतर स्थिति में है। हाउसिंग बोर्ड से नए बस स्टैंड तक सड़क जगह-जगह उधड़ी गई है और पूरे मार्ग पर कंकरिट फैली हुई है। गड्ढ़ों की मरम्मत के नाम पर डाली गई बरड़ा (मिट्टी-कंकरिट) भी ठीक प्रकार से समतल नहीं किए जाने के कारण और अधिक परेशानी का सबब बन गई। गड्ढ़ों में भरे गए बड़े और मोटे पत्थर भी सड़कों पर बिखरे पड़े है। शहीद स्मारक पार्क के सामने जयपुर रोड पर शहीद स्मारक पार्क के सामने सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है। यहां सड़क पर एक-एक फीट के गड्डे बने हुए है। यहां से दोपहिया और चार-पहिया वाहनों को निकलने में काफी परेशानी होती है। सड़क पर बिखरे बड़े पत्थरों के कारण चौपहिया वाहन भी क्षतिग्रस्त होते है। ओसवाली मौहल्ला नगर के मुख्य मार्ग ही नहीं बल्कि गली मोहल्लों की सड़कें भी उधड़ी पड़ी है। शार्दूल स्कूल के पास गली, शिवाजी नगर, मित्र निवास कॉलोनी, ओसवाली मौहल्ला, हाउसिंग बोर्ड, इंद्रा कॉलोनी समेत कई पॉश कॉलोनियों की सड़कें भी इन दिनों उधड़ी हुई है। लिंक रोड पर के हाल खराब अजमेर रोड से मझेला रोड की तरफ आने वाली लिंक रोड भी उधड़ी पड़ी है। सड़क पर कई जगह काफी लम्बे एरिया में कंकरिट फैली हुई है। क्षेत्र में बनने वाली नई सड़क भी बारिश में पूरी तरह से धुल कर कंकरिट में तब्दील हो चुकी है। चाहे लिंक रोड मोड हो या फिर नाड़ी वाले बालाजी के सामने या फिर ईदगाह के पास की सड़क बदहाल है। यहीं स्थिति मदनगंज से मार्बल एरिया की तरफ जाने वाली सड़क की है। सभी की मौन सहमति ऐसा नहीं है कि नगर के एक मात्र मुख्य मार्ग या फिर गली मोहल्लों की सड़कों के हाल से किसी से छिपी है। नगर के सभी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि या फिर सरकारी अफसरों और कारिंदों का इन मार्गों से ही आना जाना रहता है। लेकिन फिर भी आम नागरिक के लिए सुलभ यातायात तक नहीं है। नगर परिषद और सार्वजनिक निर्माण विभाग बेपरवाह है और नगर परिषद की सत्तारूढ़ पार्टी के साथ ही विपक्ष भी चुप है। इसका खामियाजा स्थानीय नागरिकों के साथ ही यहां आने वाली बाहरी मेहमानों को भी खासी परेशानी झेलनी पड़ती है।